चिकित्सक की लापरवाही से प्रसूता की मौत

शाहजहांपुर : जिला महिला चिकित्सालय में डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही से जच्चा-बच्चा की मौत

By Edited By: Publish:Thu, 27 Aug 2015 11:11 PM (IST) Updated:Thu, 27 Aug 2015 11:11 PM (IST)
चिकित्सक की लापरवाही से प्रसूता की मौत

शाहजहांपुर : जिला महिला चिकित्सालय में डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही से जच्चा-बच्चा की मौत का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि पुवायां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की लापरवाही ने प्रसूता की जान ले ली। चिकित्सक ने प्रसव तो करा दिया, लेकिन उसके शरीर से होने वाले खून के तेज रिसाव को नहीं रोक सके। परिजन प्रसूता को जिला महिला चिकित्सालय लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। प्रसूता की मौत से नाराज परिजनों ने चिकित्सक पर आरोप लगाते हुए हंगामा किया। दलबल के साथ मौके पर पहुंचे कोतवाल ने मामले को शांत कराया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

पुवायां के लखनापुर गांव निवासी रामरतन की पत्नी बसंतीदेवी (30) को बुधवार रात में प्रसव पीड़ा हुई। गर्भवती को लेकर परिजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। अस्पताल में ड्यूटीरत डॉक्टर रेनू ने गर्भवती को प्रसव पीड़ा होना बताते हुए भर्ती कर लिया। गुरुवार को सुबह 10.45 बजे बसंती देवी ने पुत्र को जन्म दिया। प्रसव के कुछ देर बाद ही प्रसूता के शरीर से खून का तेजी से रिसाव होने लगा। मशक्कत के बावजूद खून का रिसाव बंद न हुआ तो डॉक्टर ने प्रसूता को जिला महिला चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया। दोपहर 12.15 बजे प्रसूता जिला महिला चिकित्सालय पहुंची तो डॉक्टर ने देखते ही मृत घोषित कर दिया तो तीमारदारों का गुस्सा सातवें आसमान पर जा पहुंचा। नाराज परिजनों ने अस्पताल परिसर में हंगामा मचाना शुरू कर दिया। स्वास्थ्य कर्मियों की सूचना पर कोतवाल केके तिवारी दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने चिल्ला रहे परिजनों को कानूनी कार्रवाई का भरोसा दिलाकर शांत कराया। पीड़ित परिवार के लोग डॉक्टर पर रुपये न मिलने की नाराजगी में लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे थे। मालूम हो कि शनिवार को ही एक डॉक्टर एवं स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही से नवजात की गर्दन कट गयी थी, जिसके बाद जच्चा के शरीर से शुरू हुए खून के रिसाव को चिकित्सक बंद नहीं कर सके थे। असल में नवजात की गर्दन प्रसूता के पेट में ही फंसा रह गया था। आनन-फानन में चिकित्सक ने प्रसूता को रेफर कर दिया। परेशान परिजनों ने निजी अस्पताल में भर्ती कराया था जहां उसकी मौत हो गयी थी। उस घटना से सबक लेते हुए पुलिस प्रशासन सूचना के बाद तुरंत हरकत में आ गया। इंस्पेक्टर ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट के आधार पर ही कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी।

गर्भवती बसंती देवी के शरीर में खून की कमी थी। हीमोग्लोबिन की मात्रा साढ़े पांच ग्राम ही बचा था। प्रसव के लिए प्रसूता को रेफर करने पर जच्चा-बच्चा की जान को खतरा था। नतीजतन अस्पताल में प्रसव कराया गया। सुरक्षित प्रसव के बाद प्रसूता के शरीर से खून का रिसाव होने लगा। मशक्कत के बावजूद रक्तस्त्राव बंद न होने से मुश्किल हुई।

डॉ. रेनू, चिकित्सक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुवायां

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