लू के थपेड़ों से बढ़ा रोगों का खतरा, जरूरी है बचाव

मौसम की उठापटक और दिन भर में हो रहे मौसम के बदलाव सभी प्रभावित हो रहे हैं। किसानों के रवि की कटाई खत्म हो चुकी है। अप्रैल में गरमी तो बढ़ ही जाती है। इस बार दोपहर तक मौसम अजीब तरह का बर्ताव कर रहा है। जबकि दोपहर बाद लू के थपेड़े काफी सता रहे हैं। जो रोगों को दस्तक देने के लिए काफी है। यह पशुओंबाोंयुवकों और बुजुर्गो सभी के लिए मुसीबत बन सकती है। इस समय मौसम का रुख अजीब है। जो स्वास्थ्य और किसानी के ²ष्टिकोण से ठीक नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Apr 2019 11:53 PM (IST) Updated:Tue, 30 Apr 2019 06:26 AM (IST)
लू के थपेड़ों से बढ़ा रोगों का खतरा, जरूरी है बचाव
लू के थपेड़ों से बढ़ा रोगों का खतरा, जरूरी है बचाव

संतकबीर नगर : मौसम की उठापटक और दिन भर में हो रहे मौसम के बदलाव सभी प्रभावित हो रहे हैं। किसानों के रवि की कटाई खत्म हो चुकी है। अप्रैल में गरमी तो बढ़ ही जाती है। इस बार दोपहर तक मौसम अजीब तरह का बर्ताव कर रहा है। जबकि दोपहर बाद लू के थपेड़े काफी सता रहे हैं। जो रोगों को दस्तक देने के लिए काफी है। यह पशुओं,बच्चों,युवकों और बुजुर्गो सभी के लिए मुसीबत बन सकती है।

इस समय मौसम का रुख अजीब है। जो स्वास्थ्य और किसानी के ²ष्टिकोण से ठीक नहीं है। इस समय के मौसम की अन्य वर्षों से तुलना की जाय तो काफी बदला हुआ नजारा है,जो कि खतरनाक है। क्योंकि 24 घंटों में मौसम कई रंग बदलकर लोगों को नुकसान पहुंचाने पर आमादा है।

इन बीमारियों का बढ़ा खतरा

मौसम के मिजाज से बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। इस सम्बन्ध में चिकीत्सकीय सलाह पर सामुदायिक केन्द्र के स्वास्थ्य अधीक्षक डा उमेश चंद्रा ने कुछ उपाय बताए।

तेज हवा के साथ धूल के उड़ने से एलर्जी के मरीजों की संख्या बढ़ेगी।

अस्थमा के मरीजों को इस समय अधिक परेशानी हो सकती है।

रोगों का असर बच्चों और बूढ़ों सभी पर होगा। चूंकि बच्चे बहुत नाजुक प्रकृति के होते हैं। इस लिए इन पर अधिक खतरा रहता है।डाइसेन्टरी,डायरिया और वोमिटिग (पेचिस,दस्त और उल्टी) से अधिक परेशानी होगी।

वायरल फीवर भी लोगों पर असर डाल सकता है।

.............

दवाओं के साथ सावधानी भी है कारगर

डा उमेश चंद्रा ने बताया कि

स्वच्छ पेयजल का प्रयोग और मच्छरों से बचाव।

ग्रामीणांचल के लोग पानी को उबालकर ठंडा करके ही प्रयोग करें।

बच्चों समेत सभी लोग धूल और धूप से बचें। सुबह-शाम में काम निपटाएं।

उल्टी,दस्त होने पर ओआरएस का घोल तुरन्त लें।

chat bot
आपका साथी