नहीं थम रही सरयू की कटान,गांवों के अस्तित्व का संकट

करनपुर के पास से नदी की धारा बदलने के कारण कछारवासियों के माथे पर चिता के बल पड़ते दिख रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Jul 2021 11:07 PM (IST) Updated:Fri, 16 Jul 2021 11:07 PM (IST)
नहीं थम रही सरयू की कटान,गांवों के अस्तित्व का संकट
नहीं थम रही सरयू की कटान,गांवों के अस्तित्व का संकट

संतकबीर नगर: धनघटा तहसील क्षेत्र के गायघाट के पास सरयू नदी की कटान जारी है। इससे एक बार फिर से कछार के गांवों के अस्तित्व का संकट पैदा हो गया है। करनपुर के पास से नदी की धारा बदलने के कारण कछारवासियों के माथे पर चिता के बल पड़ते दिख रहे हैं।

गायघाट के पास सरयू नदी कटान करते हुए गांव के पास पहुंच चुकी है। नदी गांव के घरों को निगलने को आतुर है। गांव निवासी चंद्रभान, इंद्रेश, रमेश, धर्मेंद्र,नागेंद्र आदि लोगों का कहना है कि हाल यही रहा तो उन लोगों को एक-दो दिन में घर छोड़ना पड़ेगा। शासन-प्रशासन के स्तर से बचाव के लिए कोई प्रबंध नहीं किए जा रहे हैं। जिससे ग्रामीणों में चिंता का कारण बनता जा रहा है। लोगों ने बताया कि कई बार प्रशासन को लिखित आवेदन देकर अवगत कराया गया है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है। 2013 में नदी में समा चुके हैं कई गांव

तहसील क्षेत्र के अशरफपुर, भिखारीपुर, तुर्कवलिया आंशिक, मल्लूपुरवा, सोखा पुरवा, मिस्त्रीपुरवा आदि गांव वर्ष 2013 में सरयू की धारा में समा चुके हैं। इन गांवों के तीन सौ से अधिक पक्के मकान कटकर नदी में गिरकर खत्म होने के बाद पीड़ितों को रमजंगला व चपरा पूर्वी में आवास देकर सरकारी स्तर से बसाया गया है। सरयू के कटान के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस बारे में पूरी जानकारी लेकर उच्चाधिकारियों को बचाव कार्य आरंभ करवाने के लिए अवगत कराया जाएगा।

रत्नेश तिवारी, तहसीलदार - 2013 में आठ गांवों को निगल चुकी है नदी

- प्रशासनिक स्तर से नहीं शुरू हो सका रोकथाम का इंतजाम

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