पुराना पेंशन कर्मचारियों का हक है, इसे लेकर रहेंगे
सरकार शिक्षकों के साथ ही अन्य विभागों के कर्मचारियों के साथ अन्याय कर रही है।
संतकबीर नगर : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष संजय द्विवेदी ने कहा कि पुराना पेंशन कर्मचारियों का हक है, इसे हम लेकर रहेंगे। सरकार शिक्षकों के साथ ही अन्य विभागों के कर्मचारियों के साथ अन्याय कर रही है। सांसद-विधायक पेंशन ले रहे हैं और पूरी जिदगी सरकार के लिए काम करने वाले कर्मचारियों को इससे दूर कर दिया गया। अन्याय सहने से अच्छा है उसका प्रतिकार किया जाए। अब हमें अपना हक लेने के लिए सड़क पर संघर्ष करना होगा।
जिलाध्यक्ष बुधवार को संतकबीर आचार्य राम विलास इंटर कालेज मगहर में शिक्षकों की बैठक को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार वित्तविहीन शिक्षकों को सम्मानजनक वेतन दे और उनकी सेवा सुरक्षा के लिए नियमावली निर्गत करे। आनलाइन स्थानांतरण की दोषपूर्ण प्रक्रिया की खामियों को दूरकर आवेदन करने वाले शिक्षकों का स्थानांतरण किया जाय। शासन स्तर पर विद्यालय का समय 8:00 से 4:30 बजे किया गया है, जो इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम के विरुद्ध व अव्यवहारिक है।
इस दौरान डा. राकेश सिंह, डा. महेश्वर सिंह, गिरिजानंद यादव, मोहीबुल्लाह खान, मोहम्मद आफताब आलम अंसारी, विजय यादव, महेश राम, विध्याचल सिंह, दिनेश कुमार, रामकुबेर मौर्या, दिनेश कुमार श्रीवास्तव, संतोष कुमार, महेंद्र यादव, सत्येंद्र कुमार सहित अन्य लोग मौजूद रहे। अतिक्रमण हटाने के नाम पर व्यापारियों का हो रहा उत्पीड़न
संतकबीर नगर : शहर के कारोबारी और सपा के वरिष्ठ नेता पवन छापड़िया पप्पू ने कहा कि पिछले दिनों हुई बारिश के चलते अभी भी शहर का बड़ा भाग पूरी तरह से डूबा हुआ है। इस बीच नगर पालिका प्रशासन अपनी कमी छुपाने के लिए अतिक्रमण हटाने के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न शुरू कर दी है। दिन में पालिका के कर्मचारी दुकानों पर पहुंच जा रहे हैं और दुकानदारों से बहस कर रहे हैं, जिसके चलते उनका कारोबार प्रभावित हो रहा है।
पवन छापड़िया ने कहा कि महंगाई और कोरोना के चलते कारोबार पूरी तरह से डूब गया है। पिछले दिनों हुई बारिश के कारण भी पूरा शहर तीन दिन तक पूरी तरह से बंद था। सड़कों पर दो से तीन फीट तक पानी लगा था। सैकड़ों दुकानों में जलजमाव के चलते व्यापारियों का लाखों का सामान खराब हो गया। अब किसी तरह से जब दुकान खुलने लगी तो नगर पालिका अतिक्रमण हटाने के नाम पर उत्पीड़न में लग गया है। उन्होंने कहा कि शहर के व्यापारी चाहते हैं कि जो लोग अतिक्रमण किए हैं उन्हें दंड मिले लेकिन बिना किसी गलती के किसी व्यापारी को तंग न किया जाए। यदि व्यापारियों को परेशान किया गया तो व्यापारी समाज सड़कों पर उतरने को बाध्य होगा।