वस्तु नहीं प्रेम के भूखे हैं भगवान राम

धनघटा, संत कबीर नगर : तहसील क्षेत्र के दुघरा में चल रहे श्रीराम महायज्ञ व मानस कथा में वृंदावन से आई

By Edited By: Publish:Mon, 02 Mar 2015 10:32 PM (IST) Updated:Mon, 02 Mar 2015 10:32 PM (IST)
वस्तु नहीं प्रेम के भूखे हैं भगवान राम

धनघटा, संत कबीर नगर : तहसील क्षेत्र के दुघरा में चल रहे श्रीराम महायज्ञ व मानस कथा में वृंदावन से आई राम लीला कमेटी के कलाकारों ने सोमवार को श्रीराम व सबरी के प्रसंग का मंचन किया। मंचन के माध्यम से लोगों को संदेश दिया कि भगवान राम वस्तु के नहीं प्रेम के भूखे हैं। सच्चे मन से प्रेम पूर्वक किया गया कोई भी कार्य व्यर्थ नहीं जाता।

श्री राम महायज्ञ में चल रहे रामलीला का मंचन करते हुए कलाकारों ने राम के भूखा होने का एहसास जब सबरी को होता है वह भगवान राम को रोक कर अपनी कुटी में प्रेम पूर्वक ले जाती है। कुटी में कुछ मौजूद न होने पर जंगल से वह बेर तोड़कर ले आती है और उसे एक एक मीठी बेर चखकर भगवान राम को देती है। भगवान राम प्रेम पूर्वक उसकी दी हुई बेर को एक एक कर खाते जाते है। इस पर लक्ष्मण भगवान राम से कहते है कि हे भगवान आप कोल्ह भील जाति के जूठे बेर को खा रहे हैं, समाज क्या कहेगा। इस पर भगवान राम लक्ष्मण को सीख देते हुए कहते हैं कि उसका हमसे अगाध प्रेम है, उसकी जूठी बेर को नही मै उसके प्रेम के कारण बेर को खा रहा हूं। इस प्रकार इस नाटक के मंचन से समाज को यह सीख लेनी चाहिए कि जब भगवान प्रेम से सबरी की जूठी बेर खा सकते हैं, तो आपस में प्रेम करने से मनुष्य को समाज में क्या नहीं मिल सकता। इसलिए मनुष्य को समाज के एक एक व्यक्ति से प्रेम करना चाहिए। प्रेम से ही भगवान की प्राप्ति होती है। इस मौके पर यज्ञ के आयोजक महेंद्र चौहान, संतोष चौहान, विमल चंद, रामाज्ञा, नंदू गौतम, विजय पाल, सुग्रीम, उमेश, चंदन सहित अन्य मौजूद रहे।

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