Sambhal News: एसडीएम ने जताई हत्‍या की आशंका, पुलिस ने नहीं लिखी प्राथमिकी, कोतवाल बोले- डीएम का आदेश

तीन दिन पूर्व बुधवार को अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के राष्ट्रीय संरक्षक पवन कुमार गुप्ता द्वारा पत्रकार वार्ता कर चंदौसी के उप जिलाधिकारी राजपाल सिंह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए थे। यह भी कहा गया था कि उक्त अधिकारी उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करा सकते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Fri, 18 Nov 2022 10:45 PM (IST) Updated:Fri, 18 Nov 2022 10:45 PM (IST)
Sambhal News: एसडीएम ने जताई हत्‍या की आशंका, पुलिस ने नहीं लिखी प्राथमिकी, कोतवाल बोले- डीएम का आदेश
पुलिस ने डीएम के आदेश का हवाला देकर एसडीएम की प्राथमिकी नहीं लिखी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

संभल, जागरण संवाददाता। बुधवार को अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के राष्ट्रीय संरक्षक पवन कुमार गुप्ता द्वारा पत्रकार वार्ता कर चंदौसी के उप जिलाधिकारी पर आरोप लगाए गए थे। इसके बाद एसडीएम द्वारा पत्रकारों को बुलाकर चंदौसी कोतवाली में लेखपाल और खुद की ओर से दो तहरीर मुकदमा दर्ज करने कराने के लिए दी गईं लेकिन, एसडीएम की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। एसडीएम ने अपनी हत्‍या की आशंका जताई है। कोतवाली पुलिस के अनुसार एसडीएम की जांच चल रही है। ऐसे में बिना डीएम की अनुमति के रिपोर्ट नहीं लिखी जा सकती।

बता दें कि तीन दिन पूर्व बुधवार को अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के राष्ट्रीय संरक्षक पवन कुमार गुप्ता द्वारा पत्रकार वार्ता कर चंदौसी के उप जिलाधिकारी राजपाल सिंह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए थे। यह भी कहा गया था कि उक्त अधिकारी दबाव में जांच प्रभावित करने के साथ ही उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करा सकते हैं।

यह खबर प्रकाशित होने के बाद गुरुवार की शाम एसडीएम राजपाल सिंह ने पलटवार करते हुए न सिर्फ अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया बल्कि उन्होंने पवन गुप्ता को भूमाफिया करार देते हुए उनके खिलाफ मानहानि करने, अर्दली और स्टेनो समेत उन्हें भी जान से मारने और सबक सिखाने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए कोतवाली में तहरीर दी थी।

एसडीएम ने पत्रकार वार्ता कर लगाए गंभीर आरोप

एसडीएम ने मीडिया को बुलाकर कहा था कि पवन गुप्ता ने खुद को कार्रवाई से बचाने और मनमानी करने की गरज से उनपर मनगढ़त आरोप लगाए हैं। यह भी कहा था कि लेखपाल दानवीर के अलावा स्टेनो और अर्दली को धमकी दी गई कि हम तुमको और तुम्हारे एसडीएम को नहीं छोड़ेंगे। किसी मामले में फंसाएंगे और नहीं सुनेंगे तो इनका मर्डर भी करवा देंगे।

एसडीएम बोले, पहले भी भूमाफिया की हुई थी रिपोर्ट 

एसडीएम ने पवन गुप्ता के साथ ही गिरीश अग्रवाल को भी इस मामले में लपेटते हुए कार्रवाई में शामिल कर लिया था। कहा कि दोनों के खिलाफ पूर्व में भी भू-माफिया के तौर पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। एसडीएम ने सीओ दीपक तिवारी को तहरीर दी। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों को बुलाकर कोतवाली में वार्ता की।

कोतवाल बोले, डीएम के आदेश के चलते नहीं दर्ज हुई एसडीएम की प्राथमिकी

देर रात और फिर सुबह तक एसडीएम की तहरीर पर मुकदमा दर्ज नहीं किया। इस बारे में कोतवाल सत्सेंद्र सिंह पंवार ने कहा कि इस बारे में जिलाधिकारी व अपर जिलाधिकारी से बात की गई थी। उन्होंने कहा है कि एसडीएम चंदौसी के खलाफ जांच चल रही है, इसलिए अभी मुकदमा दर्ज न किया जाए।

शासन के आदेश पर एसडीएम के खिलाफ हो रही जांच 

बता दें कि पवन गुप्ता की शिकायत पर शासन के आदेश पर डीएम ने एसडीएम चंदौसी की जांच शुरू कराई है। यह जांच अपर जिलाधिकारी प्रदीप वर्मा और डिप्टी कलक्टर सुनील कुमार त्रिवेदी कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार जिस लेखपाल की ओर से एसडीएम द्वारा थाने में तहरीर दी गई है वह भी अधिकारियों से मिलकर कह चुके हैं कि न तो उन्हें किसी ने ध्धमकी दी है और न ही वे मुकदमा दर्ज कराना चाहते हैं। इस मामले में एसडीएम भी कुछ कहने से बच रहे हैं, उन्होंने अपना मोबाइल भी आफ कर लिया है।

व्यापारी गिरीश पहुंचे डीएम के दरबार

एसडीएम चंदौसी की ओर से पवन गुप्ता के साथ ही व्यापारी गिरीश अग्रवाल के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराने के लिए कोतवाली में तहरीर दिए जाने के बाद जिलाधिकारी और अपर जिलाधिकारी के सामने पेश होकर गिरीश अग्रवाल ने प्रार्थना पत्र दिया, जिसमें स्पष्ट कहा है कि उनके द्वारा कभी भी तहसील कर्मचारी या एसडीएम को किसी प्रकार की कोई धमकी नहीं दी न ही किसी तरह का कोई आरोप लगाया है, फिर भी प्रताड़ित करने के लिए ऐसा किया गया है।

गिरीश ने एसडीएम को ठहराया जिम्‍मेदार 

गिरीश ने कहा कि इस मामले में उनके विरुद्ध कोई किसी भी तरह की घटना होती है तो इसके लिए सीधे तौर पर एसडीएम चंदौसी जिम्मेदार होंगे। गिरीश अग्रवाल स्वजन के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। उन्होंने यह भी कहा कि फर्जी आरोप लगाकर शिकायतें की जा रही हैं। झूठे आरोप लगाकर उन्हें आत्महत्या करने के लिए विवश किया जा रहा है।

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