मायावती मेरी बुआ हैं, सम्मान करता हूं: चंद्रशेखर रावण

सहारनपुर : शब्बीरपुर जातीय ¨हसा के बाद सुर्खियों में आए भीमआर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Sep 2018 10:27 PM (IST) Updated:Fri, 14 Sep 2018 10:27 PM (IST)
मायावती मेरी बुआ हैं, सम्मान करता हूं: चंद्रशेखर रावण
मायावती मेरी बुआ हैं, सम्मान करता हूं: चंद्रशेखर रावण

सहारनपुर : शब्बीरपुर जातीय ¨हसा के बाद सुर्खियों में आए भीमआर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण की जेल से रिहाई सियासी नजरिये से बहुत मायने रखती है। प्रदेश सरकार द्वारा अचानक रासुका हटाने के बाद गुरुवार देर रात 2.37 मिनट पर रिहा होने के बाद रावण अपने घर पहुंचा।

लोकसभा चुनाव 2019 में चन्द्रशेखर द्वारा स्थापित संगठन भीमआर्मी की भूमिका को अहम माना जा रहा है। भीमआर्मी भले ही पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुछ जनपदों तक ही सीमित है लेकिन चुनाव में उसके रुख को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा गरम है। संगठन के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, शामली, बागपत सहित मेरठ में काफी सदस्य हैं। भले ही शब्बीरपुर ¨हसा के बाद सहारनपुर पहुंच बसपा सुप्रीमो मायावती ने चन्द्रशेखर को भाजपा का एजेंट करार दिया था लेकिन आज रावण ने मायावती को अपनी बुआ कहकर राजनीति का मास्टर स्ट्रोक लगाया है। चन्द्रशेखर उर्फ रावण की जागरण संवाददाता नीरज गुप्ता से हुई बातचीत के कुछ अंश - बसपा सुप्रीमो मायावती लगातार भीमआर्मी को भाजपा का संगठन बता रही है। आपका क्या कहना है?

व्यक्तिगत रिश्ते में मायावती मेरी बुआ है। मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं। बसपा राजनीतिक दल है और भीमआर्मी अराजनैतिक। दोनों में अंतर विचारधारा का है। मायावती राजनीतिक लड़ाई लड़ रही हैं, और हम सामाजिक, बगैर समाज को साथ लिए राजनीति नहीं हो सकती।

लोकसभा चुनाव 2019 में भीमआर्मी की क्या भूमिका रहेगी?

इस चुनाव में भीमआर्मी विपक्षी गठबंधन के साथ है। प्रत्येक दशा में भाजपा को सबक सिखाना है। चुनाव लड़ने का इरादा है?

भीमआर्मी अराजनैतिक संगठन है। चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है। प्रदेश की भाजपा सरकार ने जिस तरह से आपकी रिहाई कराई, यह आपकी नजर में क्या है?

यह जीत संगठन व समाज की है। सरकार ने तो कानून के शिकंजे में फंसा ही रखा था, लेकिन वह सिद्ध नहीं कर पाए और अंत में जीत समाज की हुई। सरकार ने इसलिए हमें छोड़ा क्योंकि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा था जो इनके पास नहीं था। जेल में बिताए दिनों का अनुभव कैसा रहा?

मैं जेल में 463 दिन रहा हूं, और इस दौरान मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला है। इस अवधि में मुझे अपने और पराए के अंतर का बखूबी पता चला। ¨जदा कब्र है जिला कारागार। मैं अपने दांत के दर्द से पीड़ित रहा, लेकिन वहां पर समुचित इलाज नहीं मिला।

भीम आर्मी संगठन की भविष्य में क्या रणनीति रहेगी?

21 अगस्त 2015 को स्थापित भीमआर्मी अराजनैतिक संगठन है। वर्तमान में संगठन की उत्तराखंड, पंजाब व हरियाणा आदि में इकाई स्थापित की गई है, और सदस्यों की संख्या बढ़ाई जाएगी। समाज के उत्थान के लिए शिक्षा जरूरी है। वर्तमान में संगठन लगभग 15 सौ गांवों में भीम पाठशालाएं चला रहा है। इंसेट..

जताई गिरफ्तारी की आंशका

चंद्रशेखर ने अपनी पुन: गिरफ्तारी की आंशका व्यक्त की है। कहा कि पहले भी मुझे भाजपा सरकार के इशारे पर सलाखों के पीछे भेजा गया और झूठे मुकदमें दर्ज कर मेरे खिलाफ रासुका की कार्रवाई की गई। मेरी रिहाई करना सरकार की मजबूरी बन गई थी, लेकिन मुझे लगता है कि कुछ समय बाद मेरी दोबारा गिरफ्तारी कर रासुका का कार्रवाई की जा सकती है। इंसेट..

परिचय

नाम: चन्द्रशेखर उर्फ रावण।

पिता: स्व. गोर्धन दास।

माता: कमलेश।

भाई बहन: 06, तीन भाई, तीन बहन।

भाई: भगत ¨सह आजाद व कमल किशोर।

बहन: प्रतिभा, प्रतिमा व पूनम सभी विवाहित।

निवासी: हरिजन कालोनी, छुटमलपुर।

मूल निवासी- उत्तराखंड भगवानपुर अंतर्गत दादा पट्टी के रहने वाले है। 40 वर्ष से छुटमलपुर में बसे है।

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