महादेव का 51 हजार रुद्राक्ष से किया श्रृंगार

श्रावण मास के तृतीय सोमवार को महादेव शिव का 51 हजार रूद्राक्ष से श्रृंगार किया गया। श्रृंगार से पूर्व महादेव का पंचामृत गंगाजल एवं विभिन्न तीर्थों के जल से महास्नान कराया। मंदिरों में श्रद्धालुओं ने जयकारों के भगवान शिव का जलाभिषेक किया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Jul 2020 11:11 PM (IST) Updated:Mon, 20 Jul 2020 11:11 PM (IST)
महादेव का 51 हजार रुद्राक्ष से किया श्रृंगार
महादेव का 51 हजार रुद्राक्ष से किया श्रृंगार

सहारनपुर, जेएनएन। श्रावण मास के तृतीय सोमवार को महादेव शिव का 51 हजार रूद्राक्ष से श्रृंगार किया गया। श्रृंगार से पूर्व महादेव का पंचामृत गंगाजल एवं विभिन्न तीर्थों के जल से महास्नान कराया। मंदिरों में श्रद्धालुओं ने जयकारों के भगवान शिव का जलाभिषेक किया।

सोमवार को राधा विहार स्थित औघड़दानी नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में श्री रामकृष्ण विवेकानंद संस्थान के तत्वावधान में आयोजित श्रावण पूजा में महादेव का 51 हजार रूद्राक्ष से भव्य श्रृंगार किया गया। स्वामी कालेंद्रानंद महाराज ने कहा कि महादेव ही जगत के सृजक और संहारक है। जब-जब जगत में पाप अधिक बढ़ता है तब शिव क्रोधवश तांडव कर सृष्टि प्रलय का भाव करते है। उन्होंने कहा कि रूद्राक्ष श्रृंगार करने से जीव के जीवन से बुरे कर्मो का नाश होता है, जो जीव शिव की शरणागति होता है उसका कल्याण अवश्य होता है। शिव ही जीव की परम शांति का मार्ग है। इस अवसर पर अरुण स्वामी, मेहरचंद जैन, राजेंद्र धीमान, नरेश चंदेल, करण राय, रमेश शर्मा, गीता, अनीता, सुचेता,उमा,विभा, गौरी आदि उपस्थित रहे। वहीं दूसरी ओर श्री भूतेश्वर महादेव मंदिर, श्री बागेश्वर महादेव मंदिर, श्री पाठेश्वर महादेव मंदिर, श्री हरि मंदिर, श्री हनुमान मंदिर, श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया।

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सी-106, शारीरिक दूरी के साथ किया जलाभिषेक

सरसावा: नकुड रोड स्थितश्री बनखंडी महादेव मंदिर में श्रावण मास के तीसरे सोमवार को भी लॉक डाउन का पालन शारीरिक दूरी के साथ पाइप के माध्यम से किया गया। भगवान श्री बनखंडी महादेव का जलाभिषेक किया। इस मौके पर पंडित अनिल कौशिक जी ने शिव पुराण का स्वयं अध्ययन कर अपने संदेश में बताया कि जीव को उसके प्रबंध के अनुसार ही सुख और दुख मिलता है। वह अपने पुण्य कर्मों के फल स्वरूप सुख और पाप कर्मों के फल स्वरूप दुख का उपभोग करता है। इसलिए मनुष्य को अपने जीवन में हमेशा पुण्य कर्मों का ही संचय करना चाहिए और अपने जीवन को भगवान शिव की आराधना में लगाना चाहिए।

सोमवार को शिवालयों में गूंजा बम-बम

गंगोह : क्षेत्र के शिव मंदिरों में सावन के तीसरे सोमवार को भी श्रद्धालु मंदिरों में शिव का गुणगान करने पहुंचे। श्रद्धालुओं ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए भगवान शिव के दर्शन कर जलाभिषेक किया। श्रावण मास में आयोजित होने वाले कार्यक्रम इस बार रद्द कर दिए गए थे। कुछ मंदिरों में स्वयं पुजारी द्वारा शिव पुराण का पाठ किया जा रहा है लेकिन श्रोता इस बार नदारद हैं। शिव मंदिरों में रोजाना की पूजा-पाठ के अलावा अन्य कोई आयोजन नहीं किया जा रहा है। तीसरे सोमवार को मंदिरों में शिव को मनाने श्रद्धालु गए और शारीरिक दूरी का पालन करते हुए दर्शन कर जलाभिषेक किया।

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