गृह सचिव व डीजीपी के दरबार में गूंजा प्रार्थना पत्र पर धारा लिखने का मामला

सहारनपुर : सीओ के सहायक अध्यापिका के प्रार्थना पत्र पर धारा लिखने का मामला गूंजने लगा है। प्रदेश के

By Edited By: Publish:Tue, 21 Oct 2014 03:09 AM (IST) Updated:Tue, 21 Oct 2014 03:09 AM (IST)
गृह सचिव व डीजीपी के दरबार में गूंजा प्रार्थना पत्र पर धारा लिखने का मामला

सहारनपुर : सीओ के सहायक अध्यापिका के प्रार्थना पत्र पर धारा लिखने का मामला गूंजने लगा है। प्रदेश के ग्रामीण अभियंत्रण सेवा मंत्री राजेन्द्र राणा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए लोनिवि मंत्री शिवपाल यादव, प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी से बातचीत की है। उन्होंने सीओ पर इस मामले में गंभीर आरोप लगाते हुए पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने का आग्रह किया है।

बता दें कि दाबकी गुर्जर गांव स्थित प्राइमरी स्कूल में सहायक अध्यापिका पढ़ाती है। उनका आरोप है कि 20 सितंबर को जब वह बच्चों को पढ़ा रही थी। इसी दौरान प्रधानपति ने गंदी नजरों से देखा और विरोध करने पर दु‌र्व्यवहार किया। इसकी शिकायत उन्होंने अन्य लोगों से की थी पर किसी ने सुनवाई नहीं की। बताया गया है कि बाद में सहायक अध्यापिका ने मुकदमा दर्ज कराने के लिये सीओ द्वितीय चरण सिंह यादव को प्रार्थना पत्र दिया था। आरोप है कि सीओ ने प्रार्थना पत्र पर ही धाराएं लिख कर देहात कोतवाली पुलिस को मुकदमे के आदेश दिये थे। सीओ के आदेश पर देहात कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया, जबकि शिकायती पत्र पर धारा लिखने का अधिकार किसी अधिकारी को नहीं है। संबंधित कोतवाली तहरीर के आधार के यह तय करता है कि इस मामले में कौन-कौन सी धाराएं लग सकती है।

आरोपी पक्ष ने इसकी शिकायत मंत्री राजेंद्र राणा से की। बकौल राजेन्द्र राणा उनके द्वारा जब इस बाबत देहात कोतवाली प्रभारी से बातचीत की गयी तो देहात कोतवाली प्रभारी ने बताया कि सीओ द्वितीय के आदेश पर यह मुकदमा दर्ज किया गया है। राजेन्द्र राणा का कहना है कि सीओ इस मामले में देहात कोतवाली को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे सकते थे पर किन-किन धाराओं में मुकदमा दर्ज होगा, उस बाबत कोतवाली का निर्देश देने का अधिकार सीओ को नही है। यदि कोतवाली पुलिस अमुक मामले में कोई धारा नही लगाती तो पीड़ित की शिकायत पर अमुक धारा भी मुकदमों में बढ़ाने का आदेश जरूर सीओ दे सकते हैं। बहरहाल, इस पूरे मामले में मंत्री शिवपाल यादव, प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी से बातचीत करके कार्रवाई का आग्रह किया गया है।

उधर, सीओ द्वितीय चरण सिंह यादव का कहना था कि यह मामला उनके संज्ञान में मुकदमा दर्ज होने के बाद आया था। इसकी जानकारी खुद देहात कोतवाली प्रभारी ने उन्हें मुकदमा दर्ज करने के अगले दिन दी थी। इस मामले में उनसे कोई नहीं मिला और न ही किसी प्रार्थना पत्र वह धारा लिखते हैं।

एसएसपी राजेश कुमार पांडेय का कहना है कि इस मामले में छानबीन कराने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

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