रामपुर में रोज गटक रहे डेढ़ लाख अंडे

रामपुर में रोज गटक रहे डेढ़ लाख अंडे

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Jan 2020 11:14 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jan 2020 06:09 AM (IST)
रामपुर में रोज गटक रहे डेढ़ लाख अंडे
रामपुर में रोज गटक रहे डेढ़ लाख अंडे

मुस्लेमीन, रामपुर: सर्दी बढ़ने के साथ ही मीट, मछली और अंडे की डिमांड बढ़ गई है। जिले में लोग रोजाना करीब डेढ़ लाख अंडे और सौ क्विटल चिकन खा रहे हैं। डिमांड बढ़ने के साथ दाम भी बढ़ गए हैं। चिकन के दाम 160 तक पहुंच गए हैं, जबकि मछली के दाम एक सप्ताह में ही बीस रुपये किलो बढ़ गए हैं।

शहर में में पिछले दो सप्ताह से कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। इस सर्दी का असर लोगों के खानपान पर भी पड़ रहा है। सर्दी से बचने को लोग खानपान पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। नानवेज के शौकीन आजकल रोज अंडा, मुर्गा और मछली खा रहे हैं। सुबह नाश्ते की शुरुआत ही अंडे से होती है। कोई चाय के साथ उबला हुआ अंडा लेता है तो कोई आमलेट। अंडा करी भी खूब बन रही है। अंडे के साथ ही मीट और मछली की डिमांड भी बढ़ी है। डिमांड बढ़ने की वजह से सप्ताहभर में इनके दाम भी उछले हैं।

भारतीय स्टेट बैंक के पास सूफियान अंडे का कारोबार करते हैं। वह थोक विक्रेता हैं और जिलेभर को सप्लाई करते हैं। बताते हैं कि वह अकेले ही रोज 30 से 40 हजार अंडे बेचते हैं। उनका कहना है कि सर्दी बढ़ने से डिमांड बढ़ी है। इसके साथ ही दाम भी बढ़े हैं, पहले वह अंडे की कैरट (30अंडे)140 रुपये में बेच रहे थे, जबकि बुधवार को 149 रुपये कैरट के हिसाब से बिक्री हुई। फुटकर में दुकानदार 160 रुपये कैरट बेच रहे हैं, जबकि पहले 150 रुपये में बेच रहे थे। जिले में उनकी तरह अंडे के चार थोक विक्रेता और हैं। उनका मानना है कि जिले में रोज करीब डेढ़ लाख अंडे बिक रहे हैं। पुराने रोडवेज के पास अंडा और चिकन का कारोबार करने वाले अकील मियां बताते हैं कि एक सप्ताह में ही दाम ज्यादा बढ़े हैं। चिकन पहले 150 रुपये किलो बिक रहा था, जो अब 160 पर है।

हाथी खाना चौराहे के पास गुड्डू खां की चिकन की दुकान है। वह फुटकर में मीट बेचते हैं। रोजाना करीब डेढ़ क्विटल मीट बेच रहे हैं। रामपुर में चिकन की 100 से ज्यादा दुकानें हैं। तमाम दुकानदारों के यहां करीब सौ क्विंटल मीट रोज बिक रहा है। शौकत रोड पर मछली विक्रेता दिलदार हुसैन की दुकान है। बताते हैं कि करई मछली पहले 130 रुपये किलो थी, जो अब 150 रुपये बिक रही है। इसी तरह दूसरी प्रजातियों की मछली भी पहले से महंगी हैं।

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