वाजपेयी के ऊंचाहार पहुंचने पर टूट गई थीं दलीय दीवारें

ऊंचाहार(रायबरेली) : 1995 का फरवरी माह ऊंचाहार की राजनीति के लिए बड़े परिवर्तन का

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Aug 2018 12:39 AM (IST) Updated:Fri, 17 Aug 2018 12:39 AM (IST)
वाजपेयी के ऊंचाहार पहुंचने पर टूट गई थीं दलीय दीवारें
वाजपेयी के ऊंचाहार पहुंचने पर टूट गई थीं दलीय दीवारें

ऊंचाहार(रायबरेली) : 1995 का फरवरी माह ऊंचाहार की राजनीति के लिए बड़े परिवर्तन का गवाह है। जब अटल विहारी वाजपेयी ने ऊंचाहार पहुंचकर भारी जनसमूह को संबोधित किया और अरखा पहुंचकर क्षेत्र के प्रभावशाली युवा नेता अजय पाल ¨सह को भाजपा में शामिल कराकर कांग्रेस के हाथ खाली कर दिये थे।

1995 से पहले तक भाजपा ऊंचाहार में एक नगण्य राजनैतिक दल था। चंद समर्थक ही संगठन को ¨जदा किए हुए थे। पार्टी के पास कोई बड़ा चेहरा स्थानीय स्तर पर नहीं था। क्षेत्र में कांग्रेस का दबदबा था। ऐसे समय में देश के कद्दावर नेताओं में उस समय शुमार अटल विहारी वाजपेयी का ऊंचाहार के राजकीय महाविद्यालय के विशाल प्रांगण में कार्यक्रम तय हुआ। वाजपेयी को सुनने के लिए भारी जनसमूह ऊंचाहार में उमड़ पड़ा था। गांवों में सन्नाटा पसरा हुआ था। रैली का आयोजन यहां से चार बार कांग्रेस के विधायक रहे हरणरायन ¨सह के सुपुत्र अजय पाल ¨सह ने किया था। रैली में केवल भाजपा ही नहीं अन्य सभी राजनैतिक दल के लोग भी पहुंचे थे। उसके बाद वाजपेयी जी कांग्रेस नेता अजय पाल ¨सह के अरखा स्थित आवास पहुंचे और वहां पर उन्होंने औपचारिक रूप से उनको भाजपा की सदस्यता प्रदान की। इसके बाद जो भाजपा चुनावों में सबसे नीचे पायदान पर रहती थी वह भाजपा मुकाबले में आ गयी।

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