धूल फांक रहे दो करोड़ के वाहनों की जांच शुरू

- डीएम के निर्देश पर जलकल कार्यालय परिसर पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट जताई नाराजगी

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 12:07 AM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 12:07 AM (IST)
धूल फांक रहे दो करोड़ के वाहनों की जांच शुरू
धूल फांक रहे दो करोड़ के वाहनों की जांच शुरू

रायबरेली : नगर पालिका के अफसरों की लापरवाही से धूल फांक रहे दो करोड़ के वाहनों का मामला तूल पकड़ने लगा है। जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद डीएम ने मामले में जांच के आदेश दे दिए। बुधवार को सिटी मजिस्ट्रेट ने मौके पर पहुंचकर जायजा लिया। इस दौरान शहर के नालों और सड़कों की भी पड़ताल की। इसमें तमाम खामियां मिलीं।

गौरतलब है कि जागरण ने 16 अक्टूबर को गंदगी मिटाने को आए दो करोड़ के वाहन कूड़े में शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसमें कई महीनों से जलकल कार्यालय परिसर में खड़े वाहनों की हकीकत को दर्शाया गया था। इसके बाद नगरपालिका के अफसरों में खलबली मच गई। यह कहकर मामले को सुलटाने में लग गए कि डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए वाहन खरीदे गए हैं। टेंडर होते हुए प्रयोग में आ जाएंगे। जब ईओ से बात की गई तो उन्होंने इसका हवाला दिया। वहीं, लापरवाही के मामले में चुप्पी साध ली। बुधवार को डीएम वैभव श्रीवास्तव ने सिटी मजिस्ट्रेट को जांच के निर्देश दिए। सिटी मजिस्ट्रेट युगराज सिंह ने परिसर में पहुंचकर खड़े वाहनों की पड़ताल की। मौके पर मौजूद सभासद पूनम तिवारी ने वाहनों की बदहाली के बारे में बताया। साथ ही कार्रवाई के लिए उचित कदम उठाने की मांग की।

इनसेट

महज एक घर और बना दी इंटरलॉकिग सड़क:

अफसर कितने मनमाने हो गए हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जहां आबादी नहीं है, वहां भी इंटरलॉकिग सड़क बनवाई जा रही है। सर्वोदय नगर में बीच का रास्ता छोड़कर कुछ विशेष लोगों के घर के चारों ओर इंटरलॉकिग लगवा दी गई। इसमें भी पालिका के एक अफसर की मिलीभगत बताई जा रही है। सिटी मजिस्ट्रेट ने कई मुहल्लों में जाकर पड़ताल की। हकीकत देखकर वह भी दंग रह गए।

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