डीह, मुंबई के बाद लाया बांग्लादेशी दुल्हनियां

रायबरेली वह सिर्फ पांचवीं पास है लेकिन रोजी-रोटी की खातिर देश से विदेश तक घूम आया

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 Feb 2020 11:18 PM (IST) Updated:Sun, 16 Feb 2020 11:18 PM (IST)
डीह, मुंबई के बाद लाया बांग्लादेशी दुल्हनियां
डीह, मुंबई के बाद लाया बांग्लादेशी दुल्हनियां

रायबरेली : वह सिर्फ पांचवीं पास है, लेकिन रोजी-रोटी की खातिर देश से विदेश तक घूम आया। अमूमन जहां-जहां ज्यादा दिन रुका, वहां उसने निकाह भी कर लिया। उन्हें घर तक लेकर आया भी। नौ बच्चों का पिता बना। तीसरी बार वह सीमा पार कर बांग्लादेश पहुंचा। वहां फिर उसने शादी रचाई और देश लौटते वक्त जब पासपोर्ट और कागजात की जरूरत पड़ी तो जालसाजी का सहारा लिया। यही धोखाधड़ी उसे भारी पड़ गई और कोलकाता से शुरू हुई जांच रायबरेली तक आ पहुंची। जिसके बाद दंपती को जेल जाना पड़ा।

गदागंज थाना क्षेत्र के कुरौली बुधकर गांव निवासी मो.इसरार कपड़ों की सिलाई का काम करता है। गांव से लेकर शहर तक उसने कई ठौरों पर यही काम किया भी। लेकिन, उतनी आमदनी नहीं हुई, जो उसकी जरूरतें पूरी कर सके। इसी दौरान घर वालों ने उसकी शादी डीह थाना क्षेत्र के बिबियापुर गांव में एक परिवार की बेटी से कर दी। उससे तीन बेटियां और एक बेटा हुआ। परिवार बढ़ा तो खर्चे और बढ़े। अब इसरार को ज्यादा कमाने के चक्कर में गांव-शहर छोड़कर मुंबई जाना पड़ा। वहां उसने एक और निकाह किया। उसे भी गांव लाया। यहां दो-दो पत्नियां एक साथ घर में रहीं। दूसरी पत्नी से भी तीन बेटी एक बेटा हुआ। फिर अचानक पहली पत्नी का देहांत हो गया और दूसरी पत्नी बच्चों सहित मुंबई लौट गई। परिवार बिखरता देख इसरार बांग्लादेश चला गया। वहां फिर उसने तीसरा निकाह शुमा अख्तर से किया। उसे लेकर हिदुस्तान चला आया। यहां एक बेटी हुई। 49 साल की उम्र में इसरार नौ बच्चों का पिता बन गया। मगर, इस बार बांग्लादेशी दुल्हनिया लाते वक्त उसने जो कूटरचित दस्तावेज इस्तेमाल किए, जांच पड़ताल में पुलिस के शिकंजे में फंस गया और पति-पत्नी दोनों को जेल भेज दिया गया।

नागरिकता पर अदालत करेगी निर्णय : थानाध्यक्ष धीरेंद्र कुमार यादव का कहना है कि 49 वर्षीय इसरार ने तीन शादियां की हैं। तीनों पत्नियों से नौ बच्चे हैं। बांग्लादेशी महिला उसकी तीसरी पत्नी है। एसओ ने बताया कि फिलहाल कूटरचित दस्तावेज तैयार करने के मामले में पति-पत्नी को जेल भेजा है। बांग्लादेशी महिला की नागरिकता मामले पर निर्णय अदालत करेगी।

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