गहराया कोयले का संकट

By Edited By: Publish:Mon, 15 Sep 2014 08:53 PM (IST) Updated:Mon, 15 Sep 2014 08:53 PM (IST)
गहराया कोयले का संकट

ऊंचाहार, संवाद सहयोगी : एनटीपीसी परिसर तापीय संयंत्र में कोयले का संकट गहरा गया है। इसके चलते चल रही तीन इकाइयों की उत्पादन क्षमता को प्रबंधन ने कम किया है।

विदित हो कि कोयले की कमी के चलते तीन दिन पहले तापीय संयंत्र की यूनिट संख्या चार को बंद किया गया है। इससे पहले यूनिट नंबर दो पैंतीस दिनों के अनुरक्षण कार्य के लिए बंद चल रही है। कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित न हो पाने के कारण चल रही शेष तीन यूनिटों में भी लोड की कटौती की गई है।

परियोजना के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रतिदिन आने वाली तीन रैक में मालगाड़ी के डिब्बे कम आ रहे हैं। इस कारण कम कोयला संयंत्र को मिल रहा है। ऐसे में तीनों यूनिटों के संचालन के लिए पर्याप्त कोयला नहीं मिल रहा है। कोयले की समस्या के दो अहम कारण बताए जा रहे हैं। पहला नक्सलियों के रेल पटरी उड़ा देना व झारखंड के कोयला खदानों से मालगाड़ियों का आवागमन प्रभावित है। दूसरी यह कि खदानों से कोयले की निकासी मानसून के कारण प्रभावित हो रही है। जो कोयला खदानों से निकल रहा है उसकी गुणवत्ता भी घटिया स्तर की है। इस प्रकार से परियोजना को जो कोयला मिल भी रहा है उसकी गुणवत्ता घटिया है। इसका असर विद्युत उत्पादन पर पड़ रहा है। ज्ञात हो कि ऊंचाहार परियोजना में 210 मेगावाट प्रति यूनिट क्षमता की पांच इकाइया स्थापित हैं और परियोजना की कुल उत्पादन क्षमता 1050 मेगावाट है। दो इकाइयों के बंद हो जाने बाद परियोजना की उत्पादन क्षमता घटकर 630 मेगावाट रह गयी है। इस समय चल रही यूनिटों का लोड घटाने के बाद उत्तरी ग्रिड को 630 मेगावाट भी बिजली की आपूर्ति संयंत्र से नहीं हो रही है। परियोजना के वरिष्ठ जन संपर्क अधिकारी एके श्रीवास्तव ने बताया कि इस संबंध में एनटीपीसी अधिकारी बीसीसीएल से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं।

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