लाखों भक्त करते माता मवई के दर्शन

By Edited By: Publish:Sun, 13 Oct 2013 01:14 AM (IST) Updated:Sun, 13 Oct 2013 01:15 AM (IST)
लाखों भक्त करते माता मवई के दर्शन

अमेठी, संवाददाता : लाखों देवी उपासकों की श्रद्धा और आस्था का केंद्र है माता मवई का धाम। मां के दर्शन करने से लोगो के कष्ट दूर हो जाते है। देश के कोने-कोने से लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए आते है।

लोगों की मान्यता है कि आज से लगभग 35 वर्ष पूर्व जेठू मवई गांव में रामबख्श सिंह की पत्‍‌नी मालती देवी के ऊपर भर राजाओं की कुलदेवी मां दुर्गा की कृपादृष्टि हुई। भर राजाओं के किले के अवशेष आज भी इस गांव के दक्षिण में टीले के रूप में हैं। अपने घर के आगे दरवाजे पर एक छोटा सा मंदिर बनाकर मालती देवी ने देवी मां की स्थापना की। धीरे-धीरे आसपास के लोग कष्ट निवारण के लिए मां के दरबार में पहुंचने लगे। मां दुर्गा की सेविका के रूप में मालती देवी लोगों के दुख दूर करने लगी। लोगों को लाभ हुआ तो उनकी ख्याति दूर-दूर तक फैलने लगी। कलकत्ता और मुंबई के बड़े-बड़े व्यवसायी भी मां के दर्शन के लिए मवई गांव आने लगे। भक्तों के सहयोग से उसी स्थान पर भव्य एवं विशाल जगदंबे मंदिर का निर्माण करवाया गया। मंदिर में मां दुर्गा की नयनाभिराम संगमरमर की प्रतिमा स्थापित की गई। मंदिर के सामने दक्षिण पूर्व भाग में हनुमान जी की मूर्ति स्थापित कर मंदिर का निर्माण कराया गया। नवरात्र में जूठू मवई गांव के प्रत्येक घर में दूर से आने वाले भक्तों का डेरा रहता हैं। दर्शन के लिए सुबह-शाम भक्तों की लंबी लाइन लगती हैं।

प्रसाद व आरती का समय

मंदिर के पुजारी देवी प्रसाद त्रिपाठी ने बताया कि मंदिर के द्वार सुबह पांच बजे खुल जाते है। 5 से 6 बजे के मध्य सुबह और शाम को आरती होती है। इसके बाद प्रसाद का वितरण किया जाता हैं। आरती के समय मवई माता के रूप में प्रसिद्ध मालती देवी मां के दरबार में मौजूद रही है और लोगों की समस्याओं का निराकरण करती हैं।

कैसे पहुंचे धाम

जिला मुख्यालय गौरीगंज के पूर्व दिशा पर तीन किमी दूर रायबरेली-सुल्तानपुर मार्ग पर माता मवई धाम का प्रवेश द्वार बना हुआ हैं। प्रवेश द्वार से एक किमी दूर गांव के अंदर मां का भव्य मंदिर बना हुआ हैं। जो राजमार्ग से ही दिखाई पड़ता हैं। धाम पर पहुंचने के लिए गौरीगंज से टैंपो व रिक्शा हर समय उपलब्ध मिलता हैं।

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