कोरोना से जंग लड़ने को कर रहे पौष्टिक सब्जियों की खेती

हरी सब्जियों व पौष्टिकता से भरपूर पीपीता के साथ आंवला नीबू आदि की खेती लोग कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 02 Sep 2020 11:34 PM (IST) Updated:Thu, 03 Sep 2020 06:03 AM (IST)
कोरोना से जंग लड़ने को कर रहे पौष्टिक सब्जियों की खेती
कोरोना से जंग लड़ने को कर रहे पौष्टिक सब्जियों की खेती

हरी सब्जियों व पौष्टिकता से भरपूर पीपीता के साथ आंवला, नीबू आदि की खेती लोग कर रहे हैं। यह कोरोना से जंग लड़ने में काफी सहायक भी है। इनमें से कुछ प्रवासी श्रमिक भी हैं। इन दिनों पूरे देश में कोरोना का संक्रमण चल रहा है। लोग घरों से कम ही निकल रहे हैं। वह अपनी सेहत को लेकर काफी संजीदा है। इसे देखते हुए जिले के कई लोग कोरोना काल में पारंपरिक खेती से इतर पौष्टिक साग सब्जियों, फलों आदि की खेती कर रहे हैं।

संड़वा चंद्रिका विकास खंड के ग्राम सराय भनई निवासी मोतीलाल वर्मा और शकतपुर गांव के रहने वाले छेदीलाल ने कोरोना को हराने के लिए पौष्टिक सब्जियों की खेती की है। मोतीलाल ने बताया कि पालक, करेला, बैगन की सब्जी खाने से कोरोना से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता बहुत ज्यादा होती है। इसके सेवन से कोरोना से बचा जा सकता है। पालक खाने से शरीर में संक्रमण का खतरा नहीं रहता। इससे इम्युनिटी बढ़ती है। पालक एक हरी पत्तेदार सब्जी है। इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन के, मैग्नीशियम, मैगनीज और आयरन पर्याप्त मात्रा में होते हैं। पालक में पर्याप्त मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं। पालक खाने से शरीर में संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। पालक में विटामिन-के होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करता है। इसमें मौजूद अल्फा लिपोइक एसिड शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को कम कर डायबिटीज में फायदा करता है। यह एनीमिया की समस्या को दूर कर बालों को झड़ने से रोकता है, इसलिए आहार में पालक की सब्जी, पराठे या सूप जरूर शामिल करना चाहिए।

इसी प्रकार बिहार विकासखंड के खटवारा झलिहन का पुरवा निवासी भोलानाथ तिवारी दिल्ली में रहकर ट्रक चलाता था। वह ट्रक लेकर दिल्ली से हैदराबाद, बेंगलुरु आदि स्थानों पर जाया करता था। वहां पर लोगों द्वारा की गई पपीते की खेती देखकर उसके मन में भी यह इच्छा जागृत हुई। इसी बीच कोविड-19 कोरोना वायरस का संक्त्रमण शुरू हो गया। फिर क्या था, उसने ट्रक चालक की नौकरी छोड़ दी और घर आ गया। यूट्यूब के जरिए पपीते की खेती को सर्च किया तो मेरठ के मानसिंह तोमर के सहयोग से एक एकड़ में मार्च के महीने में उसने पपीता लगाया। उसने खेत में जमकर मेहनत की। खेत की निराई गोड़ाई के साथ ही समय पर खाद का प्रयोग कर जीजान लगा दिया। मार्च के महीने में लगाए गए पपीते अब लगभग तैयार हो गए हैं। पपीता लोगों के सेहत के लिए काफी लाभदायक होता है।

chat bot
आपका साथी