सीवर लाइन चालू करने को 3.61 करोड़ रुपये की दरकार

शहर को जलभराव से निजात दिलाने और सई नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए बिछा

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Sep 2019 11:38 PM (IST) Updated:Sat, 28 Sep 2019 06:22 AM (IST)
सीवर लाइन चालू करने को 3.61 करोड़ रुपये की दरकार
सीवर लाइन चालू करने को 3.61 करोड़ रुपये की दरकार

प्रतापगढ़ : शहर को जलभराव से निजात दिलाने और सई नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए बिछाई गई सीवर लाइन को चालू करने के लिए 3.61 करोड़ रुपये की दरकार है, क्योंकि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की कुछ मशीनें खराब हो गईं हैं। इन मशीनों को दुरुस्त करने के लिए शासन को 3.61 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट भेजा गया है।

सपा शासन में 12 साल पहले मार्च 2006 में 18.95 करोड़ की लागत की प्रतापगढ़ जलोत्सारण योजना (सीवर लाइन) स्वीकृत हुई थी। शुरुआत में ही सियासी दांवपेच के कारण जल निगम को हर कदम पर बाधा झेलनी पड़ी। पहले तो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए जमीन मिलने में सवा तीन साल का समय लग गया। जमीन मिली तो हाईकोर्ट में दाखिल की गई जनहित याचिका के कारण छह महीने बाद काम शुरू हो सका। दिसंबर 2011 में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तो बनकर लगभग तैयार हो गया।

इसके बाद जनवरी 2012 में शहर में सीवर लाइन बिछाने का काम शुरू करा दिया गया। काम की गुणवत्ता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आए दिन पाइप टूटने से सड़क धंसती रहती है। दो साल में शहर में 10 किमी सीवर लाइन बिछा दी गई थी। उसी दौरान जनवरी 2015 में पशु चिकित्सालय से लेकर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक सीवर लाइन बिछाने पर रोक लगा दिया था। वन विभाग की आपत्तियों को निस्तारित कराने में पौने तीन साल का समय लग गया।

सितंबर 2017 में बचे 2.47 किमी सीवर लाइन बिछाने का काम शुरू हुआ और नवंबर 2018 में सीवर लाइन को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ दिया गया। जब सीवर लाइन चालू करने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को चेक किया गया तो उसकी कई मशीनें खराब पाई गई। फिर नए सिरे से जल निगम ने 3.61 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट तैयार करके शासन को भेजा। विधानसभा चुनाव के बाद बजट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन अभी तक बजट मिलने का इंतजार किया जा रहा है।

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