पुलिस और डॉक्टर को सलाम करने का मन करता है

ईश्वर जब कुछ छीनता है तो बहुत कुछ दे भी देता है जिससे जिंदगी बिखरती नहीं बल्कि संवर जाती है। ऐसी ही जिंदगी मेरठ के ग्राम जगेठी थाना कंकरखेड़ा से भटककर प्रतापगढ़ आई 60 साल की योगेश कुमारी की भी है। चार साल पहले वह घरवालों से बिछड़ गईं। चिकित्सकों व पुलिस टीम के प्रयास से उन्हें अपना घर मिल गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 11 Oct 2019 11:07 PM (IST) Updated:Sat, 12 Oct 2019 06:03 AM (IST)
पुलिस और डॉक्टर को सलाम करने का मन करता है
पुलिस और डॉक्टर को सलाम करने का मन करता है

राज नारायण शुक्ल राजन, प्रतापगढ़ : कहते हैं कि ईश्वर जब कुछ छीनता है तो बहुत कुछ दे भी देता है, जिससे जिंदगी बिखरती नहीं, बल्कि संवर जाती है। ऐसी ही जिंदगी मेरठ के ग्राम जगेठी थाना कंकरखेड़ा से भटककर प्रतापगढ़ आई 60 साल की योगेश कुमारी की भी है। चार साल पहले वह घरवालों से बिछड़ गईं। इधर, करीब दो महीने पहले कोई एक बीमार महिला को जिला अस्पताल पहुंचा गया। यहां फिजीशियन डॉ. मनोज खत्री और डॉ. एमपी शर्मा ने महिला को भर्ती कर अपना डॉक्टरी धर्म निभाते हुए इलाज करते रहे, साथ ही इंसानियत का भी फर्ज निभाने में लगे रहे। इलाज के दौरान महिला के मुख से कभी कभार निकले मेरठ और कंकरखेड़ा का कनेक्शन कोतवाली पुलिस से मिलकर जोड़ा तो योगेश कुमारी के घर का ठिकाना मिल गया।

दोनों डॉक्टर, महिला का इलाज करने के साथ बातचीत भी करते। महिला को अपना पता याद नहीं आ रहा था। वह कैसे और कब भटककर यहां आ गईं, इसे भी नहीं बता पा रही थी। इधर डॉक्टरों की कोशिश जारी रही। बातचीत में कभी मेरठ कभी कंकरखेड़ा में डॉक्टरों को उम्मीद दिखी। इसे गंभीरता से लेते हुए कोतवाली पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने मेरठ पुलिस से संपर्क कर कंकरखेड़ा का जिक्र किया तो पता चला कि इस नाम का वहां थाना है। जीडी पलटी गई तो चार साल पहले महिला की गुमशुदगी दर्ज मिली।

इसके बाद घरवालों की तलाश कर पुलिस थाने ले आई तो प्रतापगढ़ पुलिस से फोन पर संपर्क किया। इसके बाद वाट्सएप पर फोटो भेजी गई, फिर वाडियो कालिंग कर घरवालों को यहां भर्ती महिला को दिखाया गया तो उम्मीद पर हकीकत की रोशनी पड़ गई। घर वालों ने पहचान लिया। कंकरखेड़ा के जगेठी गांव निवासी महिला के पति हरपाल ने कहा कि वह फौरन प्रतापगढ़ आ रहे हैं। परिवारीजनों के साथ वह शुक्रवार को प्रतापगढ़ आए तो सीएमएस डॉ. इम्तियाज अहमद की मौजूदगी में पुलिस ने लिखापढ़ी कर महिला को उन्हें सौंप दिया। घरवालों ने कहा कि ऐसे डॉक्टर और पुलिस को सलाम करने का मन करता है, जिनकी बदौलत योगेश कुमारी को न सिर्फ अपना घर मिल गया, बल्कि एक तरह से नई जिंदगी भी मिली।

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