व्यापारी की हत्या से पांडेयतारा गांव में आक्रोश, तनाव

संवाद सूत्र सुवंसा प्रतापगढ़ किराना व्यापारी की हत्या और दो लाख की लूट की सनसनीखेज वारदात सेस पांडेयतारा गांव में लोगों में आक्रोश है। पुलिस इस लूट के पीछे जो थ्यूरी बताई है उससे इस संगीन वारदात को अंजाम देने का तरीका कहीं नहीं मेल खा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 11:26 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 11:26 PM (IST)
व्यापारी की हत्या से पांडेयतारा गांव में आक्रोश, तनाव
व्यापारी की हत्या से पांडेयतारा गांव में आक्रोश, तनाव

संवाद सूत्र, सुवंसा, प्रतापगढ़ : किराना व्यापारी की हत्या और दो लाख की लूट की सनसनीखेज वारदात से पांडेयतारा गांव में लोगों में आक्रोश है। पुलिस इस लूट के पीछे जो थ्यूरी बतायी है, उससे इस संगीन वारदात को अंजाम देने का तरीका कहीं मेल नहीं खा रहा। वहीं दो समुदायों से विवाद जुड़ा होने के कारण तनाव भी व्याप्त है। पुलिस ने बदमाशों की तलाश में रामदेवपट्टी गांव में दबिश दी, लेकिन सफलता नहीं मिली। वहीं पड़ोसी जिलों की पुलिस से भी इस मामले में संपर्क करने की कोशिश की गई। हालांकि देर रात तक बदमाशों के बारे में कोई सुराग पुलिस को नहीं लग पाया। पांडेयतारा गांव निवासी अखिलेश सिंह की घर से कुछ दूर पर गांव में ही फतनपुर-बीरापुर मार्ग पर किराना, खाद व बीज, बेकरी की दुकान है। साथ ही आरओ का प्लांट भी लगा है। लाकडाउन के कारण वह दुकान बंद रखते थे। सिर्फ बेकरी की दुकानों पर सेल्समैन के जरिए आपूर्ति करते थे। साथ ही प्लांट से आरओ का पानी भी ग्राहकों को भिजवाते थे।

वह शुक्रवार को शाम करीब 4:30 बजे दुकान के बाहर बैठे अखिलेश सेल्समैन से हिसाब कर रहे थे। इसी बीच जिस प्रोफेशनल ढंग से दो बाइक से चार नकाबपोश बदमाशों ने उन्हें और उनके भाई को गोली मारी और वहां रखे बैग से दो लाख रुपये लूटकर चलते बने, यानि सबकुछ पहले से सुनियोजित था। बदमाशों को पता था कि इस समय अखिलेश की दुकान में दो लाख रुपये रखा हुआ है। अखिलेश और उनके भाई उमेश को गोली मारने के बाद बदमाश बीरापुर की ओर भाग निकले।

शाम को होता था हिसाब और आता था पैसा

पुलिस की थ्यूरी है कि शुक्रवार को दिन में डेढ़ बजे कुछ लोग सिगरेट लेने आए और मना करने पर धमकी देकर चले गए। उन्होंने ही इस घटना को अंजाम दिया है। पुलिस संभवत: उस दिशा में ठीक चल रही हो। मगर सिर्फ सिगरेट ना देने पर हत्या कर लूट की घटना को अंजाम देने की बात कोई साधारण आदमी नहीं सोच सकता। इस विवाद के तीन घंटे बाद ही बदमाशों ने बेखौफ दिनदहाड़े हत्या और लूट की घटना को अंजाम दिया है, उससे साफ है कि मामला कुछ और भी है। इससे पहले भी प्रतापगढ़ में रंगदारी और लूट की घटना को बखूबी तरीके से अंजाम दिया जाता रहा है। बदमाशों को इस बात की जानकारी थी कि व्यापारी अखिलेश के पास पास दो लाख रुपये है। दो भाइयों पर भारी पड़ने के लिए बदमाशों ने पहले गोली चलाई और लूट की घटना को अंजाम दे चलते बने। सवाल है कि बदमाशों को पैसे की बात किसने बतायी होगी, पुलिस की जांच में यह भी एक बिदु होना चाहिए।

घटना के तुरंत बाद पहुंचे विधायक धीरज ओझा

अखिलेश के परिवार के लोग और आस-पास के लोग भागकर मौके पर पहुंचे। स्वजन फौरन घायल अखिलेश व उमेश को सीएचसी गौरा ले गए। वहां रानीगंज विधायक धीरज ओझा एवं सीओ रानीगंज अतुल अंजान त्रिपाठी भी पहुंच गए। दोनों भाइयों को रेफर करने पर विधायक उन्हें लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। वहां सीओ सिटी अभय पांडेय फोर्स के साथ पहुंचे और घायल उमेश से घटनाक्रम के बारे में जानकारी ली। जबकि मृतक अखिलेश का शव मोर्चरी में रखवा दिया।

हमलावर दूसरे समुदाय के बताए जा रहे हैं, इससे इलाके में तनाव व्याप्त हो गया। तनाव के मद्देनजर पांडेयतारा गांव में फोर्स तैनात कर दी गई। पुलिस की टीमों ने रामदेवपट्टी गांव में आरोपितों के घर दबिश दी, लेकिन वह नहीं मिले।

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आठ भाइयों में तीसरे नंबर पर थे अखिलेश

अखिलेश सिंह के पिता राधेश्याम सिंह साधारण किसान थें। वह आठ भाइयों में तीसरे नंबर पर थें। इनसे दो बड़े भाई मुकेश व बृजेश हैं और छोटे उमेश, दुर्गेश, शैलेश, योगेश व देवेश हैं। इनमें से सिर्फ मुकेश व बृजेश की शादी हुई है। छोटा भाई उमेश फौज में है, उसकी तैनाती जम्मू में है। उसने आर्थिक मदद करके भाइयों की दुकान खोलवाई थी। अखिलेश छोटे भाई उमेश, योगेश, देवेश व मां उर्मिला सिंह के साथ घर पर रहते थे। घटना से मां उर्मिला, भाई सहित परिवार के लोग रो-रोकर बेहाल हैं।

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