एफसीआई ने मांगा समय, पखवारे बाद भेजा जाएगा पैसा

गेहूं व धान की खरीद करने के लिए पीसीएफ के दो दर्जन से अधिक क्रय केंद्रों का चयन हुआ था। शासन की ओर से केंद्र प्रभारियों को खरीद करने के एवज में उनको कमीशन दिया जाना था। गेहूं व धान की खरीद समाप्त होने के बाद भी केंद्र प्रभारियों का कमीशन नहीं दिया गया। लाखों रुपये कमीशन के तौर पर नहीं मिला। अब केंद्र प्रभारी इस मामले को लेकर डीएम से मिलने की तैयारी में हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 11:10 PM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 11:10 PM (IST)
एफसीआई ने मांगा समय, पखवारे बाद भेजा जाएगा पैसा
एफसीआई ने मांगा समय, पखवारे बाद भेजा जाएगा पैसा

संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : गेहूं व धान की खरीद करने के लिए पीसीएफ के दो दर्जन से अधिक क्रय केंद्रों का चयन हुआ था। शासन की ओर से केंद्र प्रभारियों को खरीद करने के एवज में उनको कमीशन दिया जाना था। गेहूं व धान की खरीद समाप्त होने के बाद भी केंद्र प्रभारियों का कमीशन नहीं दिया गया। लाखों रुपये कमीशन के तौर पर नहीं मिला। अब केंद्र प्रभारी इस मामले को लेकर डीएम से मिलने की तैयारी में हैं।

वर्ष 2019-20 में जिले भर में पीसीएफ के 26 केंद्र खोले गए थे। इन केंद्रों पर एक लाख 38 हजार 730 कुंतल धान की खरीद हुई थी। इसमें केंद्र प्रभारियों को खरीद करने के एवज में 26 लाख एक हजार रुपये कमीशन बना था। इसी तरह इन केंद्रों पर 84 हजार 800 कुंतल गेहूं की खरीद हुई थी, जिसमें केंद्र प्रभारियों का 22 लाख 89 हजार रुपये कमीशन हुआ था। इस तरह से कुल मिलाकर 48 लाख 90 हजार 800 रुपये कमीशन हुआ था। खरीद समाप्त हुए महीनों बीत गए, लेकिन अभी तक केंद्र प्रभारियों का कमीशन नहीं मिला। पीसीएफ के अफसरों के अनुसार यहां से मिलान करके फाइल एफसीआइ को भेजी गई है। वहीं से दिक्कत आ रही है। जिला प्रबंधक (पीसीएफ) धीरेंद्र कुमार ने बताया कि केंद्र प्रभारियों द्वारा की गई खरीद के मिलान कार्रवाई पूरी हो चुकी है। फाइल एफसीआइ को भेजी गई है। वहां से संस्तुति मिलते ही तत्काल कमीशन का भुगतान किया जाएगा। किसानों का धान लेने में केंद्र प्रभारी बरत रहे लापरवाही

संवाद सूत्र रानीगंज/गौरा : बड़े किसानों के फेर में धान क्रय केंद्रों पर छोटे किसानों को धान बेचने में भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। केंद्रों पर वह धान ले जाते हैं तो उन्हें धान बेचने के लिए के लिए लंबी लाइन का इंतजार करना पड़ता है, जिससे किसान हैरान हैं। शासन का निर्देश है कि क्त्रय केंद्रों पर छोटे किसान धान लेकर जाएं तो उनकी धान की खरीद प्राथमिकता पर की जाए। ताकि वह वापस न लौटने पाए, लेकिन बड़े किसान पहले ही नंबर लगाए लगाए बैठे हैं। ऐसे में जब क्त्रय केंद्र पर छोटे किसान पहुंचते हैं तो उन्हें हफ्ते भर के नीचे नंबर नहीं दिया जाता है, जिससे वह या तो धान वापस लेकर लौटने पर मजबूर होते हैं या फिर बिचौलियों के हाथ बेचने पर मजबूर हैं। विपणन केंद्र शिवगढ़, रानीगंज, रामापुर, गौरा, कूराडीह, कौलापुर नंदपट्टी स्थित क्रय केंद्र पर बड़े किसानों को सहूलियत दी जा रही है, जबकि छोटे किसानों को नजरअंदाज किया जा रहा है। केंद्र प्रभारी आनंद स्वरूप का कहना है कि महिला व छोटे किसानों की धान की खरीद प्राथमिकता से हो रही है।

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