साढ़े चार करोड़ से बन रहा ड्राइविग टेस्टिग ट्रैक
सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर गड़वारा क्षेत्र के शुकुलपुर के पास स्थित है। यहां पर इसका खुद का भवन बना हुआ है जबकि कई साल तक यह कार्यालय किराए के भवन में इधर से उधर भटकता रहा। कई साल तक चिलबिला क्षेत्र में चला तो कई साल कटरा रोड पर इसका संचालन किया गया। चार महीने पहले ही यह अपने भवन में चल रहा है। अभी तक इसके पास ड्राइविग टेस्टिग ट्रैक नहीं था।
जासं, प्रतापगढ़ : वाहन चलाने के लिए लाइसेंस लेने वालों को अब तकनीकी परीक्षा से गुजरना होगा। परिवहन विभाग करोड़ों की लागत से आधुनिक ड्राइविग टेस्टिग ट्रैक बना रहा है।
सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर गड़वारा क्षेत्र के शुकुलपुर के पास स्थित है। यहां पर इसका खुद का भवन बना हुआ है, जबकि कई साल तक यह कार्यालय किराए के भवन में इधर से उधर भटकता रहा। कई साल तक चिलबिला क्षेत्र में चला तो कई साल कटरा रोड पर इसका संचालन किया गया। चार महीने पहले ही यह अपने भवन में चल रहा है। अभी तक इसके पास ड्राइविग टेस्टिग ट्रैक नहीं था। ड्राइविग कम जानने वाले लोग भी लाइसेंस पा जाते थे। इस पर विभाग ने शासन से टेस्टिग ट्रैक के लिए अनुरोध किया था। कई बार पत्र भेजा तो पिछले साल शासन ने साढ़े चार करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक ड्राइविग टेस्ट ट्रेक के लिए मंजूरी प्रदान की, जो बनना शुरू हुआ। इसके बाद कोरोना के कारण मजदूर घर चले गए और काम रुक गया। अब एक बार फिर से तेजी आई है।इसका भवन बन गया है। मशीनें लगाने का कार्य शुरू होगा। यह ट्रैक ऑटोमेटिक होगा। यानि वाहन चलाने वाले की रफ्तार, गियर लगाने और संकेतों को समझने के बारे में मानीटरिग सेंसर सिस्टम से होगी। एआरटीओ सुशील कुमार मिश्रा ने बताया कि ट्रैक लगभग बनकर तैयार हो गया है। थोड़ा कार्य ही बाकी है। इसे पूरा होने में करीब एक महीने का समय और लगेगा। इसके बाद इसका प्रयोग किया जाने लगेगा।