मुंबई से इसी वर्ष आया था आदित्य

गड़वारा, प्रतापगढ़ : मां-बाप को क्या पता था कि जिस लाडले को वह गांव में कुछ बनाने के लिए लाए थे वह पह

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Mar 2017 10:54 PM (IST) Updated:Sat, 25 Mar 2017 10:54 PM (IST)
मुंबई से इसी वर्ष आया था आदित्य
मुंबई से इसी वर्ष आया था आदित्य

गड़वारा, प्रतापगढ़ : मां-बाप को क्या पता था कि जिस लाडले को वह गांव में कुछ बनाने के लिए लाए थे वह पहली परीक्षा भी पूरी न दे सकेगा। आदित्य के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। आदित्य मुंबई से इसी साल पढ़ने के लिए अपने गांव आया था।

आदित्य का गड़वारा स्थित सीआइएसएल विद्यालय में इसी वर्ष दाखिला कराया गया था। इसके पहले वह अपने परिवार के साथ मुंबई में ही रहता था। आदित्य के पिता पवन उर्फ पप्पू भाइयों भोला तथा रामपदारथ के साथ मुंबई में रह कर सब्जी की दुकान चलाता है। घर पर उसकी पत्नी मंजू अपनी बेटी रिया (8) तथा बेटे आदित्य (9) के साथ रहती थी। बेटे की मौत की खबर सुनते ही उसका रो रोकर बुरा हाल हो गया। आदित्य की मौत से क्षेत्रीय लोगों में रोष है। इस घटना में चाहे चालक की लापरवाही हो या फिर स्कूल प्रबंधक की, लोगों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन को बंदगाड़ी का प्रयोग करना चाहिए और वाहन पर एक कंडक्टर की भी नियुक्ति होनी चाहिए थी। फिलहाल विद्यालय प्रबंधक नैयर कबीर ने स्कूल का रजिस्ट्रेशन तथा स्कूल वाहन के सभी आवश्यक कागजात पूर्ण बताए।

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असुरक्षित हैं स्कूली वाहन

प्रतापगढ़ : जिले में स्कूली वाहनों को लेकर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी गाइडलाइन पूरी तरह नजरअंदाज कर दी गई है। न तो विद्यालय प्रबंधन को इस गाइडलाइन के अनुपालन में रुचि है और न ही एआरटीओ व पुलिस को ही इनका अनुपालन कराने में रुचि है। जागरूकता के अभाव में अभिभावक विद्यालय से निर्देशित वाहनों में बच्चों को भेज देते हैं। हालात यह है कि स्कूल से जुड़े शायद ही किसी टेंपो में दरवाजा मिले। सवारी टेंपो को ही स्कूल में खुलकर इस्तेमाल किया जा रहा। पिछले साल अंतू में मालवाहक टेंपो से बच्चे स्कूल ले जाते पकड़े गए थे। आदित्य की मौत भी संवेदनहीन प्रशासन को जगा पाएगी, कहना मुश्किल है।

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