सौ गांवों की धान खरीद को महज दो केंद्र

रानीगंज, प्रतापगढ़ : धान खरीद में गौरा क्षेत्र के लिए महज दो केंद्रों के आवंटन ने किसानों की नींद उड़

By Edited By: Publish:Mon, 24 Nov 2014 06:48 PM (IST) Updated:Mon, 24 Nov 2014 06:48 PM (IST)
सौ गांवों की धान खरीद को महज दो केंद्र

रानीगंज, प्रतापगढ़ : धान खरीद में गौरा क्षेत्र के लिए महज दो केंद्रों के आवंटन ने किसानों की नींद उड़ा दी है। केंद्रों तक पहुंचने में किसानों को लंबी परिक्रमा करनी होगी।

गौरा विकास खण्ड में इस बार हाट शाखा गौरा व यूपीएसएस सुल्तानपुर को ही धान क्रय केंद्र बनाया गया है। विपणन केंद्र रामापुर को 53 व सुल्तानपुर को 43 गांवों को धान खरीद की जिम्मेदारी मिली है। इतनी ज्यादा संख्या में गांवों का आवंटन होने से दो क्रय केंद्रों पर धान की खरीद किस कदर परवान चढ़ेगी, यह तो वक्त बताएगा। इस अव्यवस्था से किसानों में हड़कंप मचा है।

विपणन केंद्र गौरा में राजापुर, खरवई, देवापट्टी, मुआर अधारगंज, राजापुर, सिंगाही, शाहपुर, संडिला, निधिपट्टी, देवगढ़, मोहथरी, जगतपुर नईकोट करका, पूरेभइया, कौलापुर नंदपट्टी दो दर्जन गांव 10-15 किमी की दूरी पर हैं। ऐसे में इतनी दूरी आकर केंद्र पर धान बेचने में किसानों को वाहन से लेकर तमाम परेशानियां झेलनी पड़ेगी। क्रय केंद्रों पर गांवों के आवंटन में मनमानी हुई है, जिससे किसान गुस्से में है।

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गांवों में केंद्र फिर भी दूर बेचेंगे धान

गौरा, प्रतापगढ़ : विपणन केंद्र गौरा पर धान खरीद के लिए गांवों के आवंटन में भी खेल किया गया है। रामापुर गांव में किराए के भवन में वर्षो से हाट शाखा गौरा चल रही है। इस गांव के लोगों के साथ भेदभाव बरता गया है। रामापुर गांव को धान खरीद के लिए यूपीएसएस सुल्तानपुर से अटैच किया गया है। मतलब यह कि यहां के किसान अपने गांवों में हाट शाखा पर धान न बेचने के बजाय 2-3 किमी दूर सुल्तानपुर जाने का जहमत उठाएंगे। इससे किसानों में आक्रोश है। लोगों ने रामापुर में खरीद कराने की मांग की है।

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पौने दो माह बाद भी नहीं हुई बोहनी

गौरा, प्रतापगढ़ : इसे विभाग की लापरवाही कहें या कुछ और कि निर्धारित तिथि से करीब पौने दो माह बीतने के बाद भी विपणन केंद्र गौरा में धान खरीद शुरू नहीं हो सकी। किसान हर रोज क्रय केंद्र का चक्कर काट रहे हैं। उन्हें खरीद का टोकन नहीं किया ा रहा है। धान खरीद शुरू न होने की बात कहकर उन्हें लौटाया जा रहा है। इससे किसानों का गुस्सा बढ़ रहा है। शासन द्वारा एक अक्टूबर से 31 जनवरी 2015 तक धान खरीद की तिथि निर्धारित की गई है। बैनर भी क्रय केन्द्रों पर लटक रहा है, लेकिन केंद्रों पर धान की बोहनी अभी तक नहीं हुई।

राइस मिलों के संबद्ध न होने से अभी धान खरीद शुरू नहीं हो सकी है। जैसे ही मिलें अटैच होगी किसानों को टोकन देकर खरीद की जाएगी।

-कृष्ण कुमार यादव, विपणन निरीक्षक, गौरा

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डीएपी की किल्लत से किसान त्रस्त

रानीगंज, प्रतापगढ़ : गेहूं सरसों मटर की बोआई जहां चरम पर है, वहीं डीएपी खाद की किल्लत से किसान परेशान हैं। उन्हें बाजारों में अधिक दाम देकर जेबें ढीली करनी पड़ रही है, लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। बता दें कि धान की कटाई के बाद गेहूं की बोआई शुरू हो गई है। ऐसे में समितियों पर डीएपी का अकाल है। किसान खाद के लिए समितियों का चक्कर काट रहे हैं। वहीं कुछ समितियों पर अपने चहेतों को ही खाद देकर और किसानों को वापस कर देते हैं। बेचारे किसान इधर उधर भटककर बाजार में दुकानों पर अधिक दामों पर डीएपी खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। किसानों की समस्या की ओर न तो जिला प्रशासन ध्यान दे रहा है और न ही विभाग ऐसे में गेहूं की बोआई जहां पिछड़ रही है। किसानों में खाद के लिए हाय तौबा मची है। क्षेत्र के किसानों ने समितियों व केंद्रों पर डीएपी व यूरिया खाद उपलब्ध कराने की मांग की है।

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