अवैध कब्जों से मुक्त नहीं पुराना अस्पताल
पीलीभीतजेएनएन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपने कार्यालय में अवैध कब्जों को मुक्त कराने में नाकाम साबित हो रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने सीएमओ कार्यालय में सरकारी संपत्तियों पर कब्जा जमाए बैठे कब्जेदारों को शरण दे रखी है। सीएमओ के आदेश के बावजूद अवैध कब्जे के मामले में अभी तक जांच शुरू नहीं हुई है जिससे कब्जा करने वालों के हौसले बुलंद हैं।
पीलीभीत,जेएनएन: स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपने कार्यालय में अवैध कब्जों को मुक्त कराने में नाकाम साबित हो रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने सीएमओ कार्यालय में सरकारी संपत्तियों पर कब्जा जमाए बैठे कब्जेदारों को शरण दे रखी है। सीएमओ के आदेश के बावजूद अवैध कब्जे के मामले में अभी तक जांच शुरू नहीं हुई है जिससे कब्जा करने वालों के हौसले बुलंद हैं।
दैनिक जागरण ने 3 जनवरी के अंक में स्वास्थ्य विभाग की संपत्ति से साध रहे निजी हित शीर्षक के साथ खबर प्रकाशित की थी। खबर का संज्ञान लेकर सीएमओ डा. आलोक कुमार ने एसीएमओ डा. हरिदत्त नेमी, एसीएमओ डा. केके जौहरी व लिपिक प्रदीप माथुर को तीन दिन में जांच कर आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। आदेश होने के दस दिन बाद भी अधिकारियों ने जांच शुरू नहीं की है। इस बीच डा. केके जौहरी के लंबी छुट्टी पर जाने के बाद डा. रामवीर सिंह को जांच अधिकारी नामित किया गया है।
दरअसल पुराना अस्पताल कैंपस में बने सीएमओ आवास, बेयर हाउस के निकट बने आवास व जिला वैक्सीन स्टोर के पास बने गैराज पर कार्यालय के बहुओं और उनके स्वजन ने अवैध रूप से कब्जा जमा रखा है। सीएमओ आवास में अमरिया में तैनात एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का कब्जा है। यह कर्मचारी कार्यालय के विवादित लिपिक के ससुराल पक्ष का सदस्य है। इसके अलावा कार्यालय से स्थानांतरित हो चुके एक लिपिक ने अपने निजी वाहन को खड़ा करने के लिए सरकारी गैराज पर कब्जा जमा रखा है। गैराज की चाभी कार्यालय में नहीं रहती व सरकारी गाड़ी बाहर खड़ी रहकर कंडम हो रही है। इसी लिपिक के कुछ स्वजन बेयर हाउस के पास बने आवासों में गलत ढंग से रह रहे हैं। जांच अधिकारियों को जांच पूरी करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही जांच पूरी कराकर अग्रिम कार्रवाई कराई जाएगी।
- डा. आलोक कुमार, सीएमओ