¨हदू युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष से एसडीएम की नोकझोंक

बिलसंडा विकास खंड क्षेत्र के ग्राम भरकनिया में पट्टे की भूमि पर कब्जा जमाने वालों को बेदखल कर दिया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 Sep 2018 11:54 PM (IST) Updated:Mon, 24 Sep 2018 11:54 PM (IST)
¨हदू युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष से एसडीएम की नोकझोंक
¨हदू युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष से एसडीएम की नोकझोंक

बीसलपुर (पीलीभीत) : बिलसंडा विकास खंड क्षेत्र के ग्राम भरकनिया में पट्टे की भूमि पर कब्जा जमाने को लेकर दो पक्षों में विवाद का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। एसडीएम व सीओ ने मौके पर पहुंचकर बेदखल करने की कार्रवाई किये जाने से एक पक्ष के ग्रामीण भड़क गए। उन्होंने तहसील परिसर में धरना देकर विरोध जताया। ग्रामीणों के समर्थन में वार्ता करने आए ¨हदू युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष से एसडीएम की तीखी नोकझोंक हुई। जिलाधिकारी के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ।

बिलसंडा विकास खंड क्षेत्र के ग्राम भरकनिया निवासी श्याम ¨सह व अख्तार शाह ने रविवार को उप जिलाधिकारी वंदना त्रिवेदी से शिकायत की थी कि गांव में जिस भूमि पर उनका पट्टा किया गया है। पड़ोस में रहने वाले रामचंद्र, बंटू, रामसेवक, रामरतन व नन्हे लाल ने दीवार तोड़कर पट्टे की भूमि की ओर दरवाजा लगाकर नींव भरवा ली थी। एसडीएम ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सीओ प्रवीन मलिक के साथ मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की थी। उन्होंने अवैध कब्जेदारों को कब्जे से बेदखल करा दिया था। कार्रवाई से आक्रोशित होकर ग्रामीण तहसील परिसर में आ धमके और धरने पर बैठ गये। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि एसडीएम व सीओ द्वारा पक्षपात पूर्ण ढंग से कार्रवाई की गई। ग्रामीणों के समर्थन में ¨हदू युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष मनीश ¨सह साथियों के साथ तहसील परिसर पहुंच गये। उपजिलाधिकारी वंदना त्रिवेदी से बात की। वार्ता के दौरान उनसे तीखी नोकझोंक होने लगी। मामले की जानकारी इस बीच जिलाधिकारी को हो गई। उन्होंने दूरभाष पर एसडीएम से प्रकरण की जानकारी ली तथा ¨हदू युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष को फोन पर ही समझाकर शांत कर दिया। जिलाधिकारी के समझाने पर जिलाध्यक्ष ने ग्रामीणों का धरना समाप्त कर दिया। धरने पर बैठने वालों में अजयपाल, महेश्वरी देवी, नन्ही देवी, कमला देवी, सुखरानी, वेला देवी, नरायन देवी, विद्या देवी, गीता, संगीता, प्रेमवती, रोशनी, पूजा, लक्ष्मी, नन्ही देवी, चमेली देवी, रामपाल, सूरजपाल, रामेश्वर, राजन ग्रामीण मौजूद थे।

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