अभिभावक संभालेंगे मिडडे मील की जिम्मेदारी

गांवों में संचालित परिषदीय स्कूलों के बच्चों के मिडडे मील की जिम्मेदारी प्रधान व प्रधानाध्यापक मिलकर संभालते रहे हैं। कन्वर्जन कास्ट दोनों के संयुक्त बैंक खातों में आती रही हैलेकिन अब प्रधानों का कार्यकाल खत्म हो चुका है। ऐसे में बच्चों को मिडडे मील मिलने में कोई दिक्कत न आए इसके लिए जिम्मेदारी अभिभावकों को सौंपी जाएगी। विद्यालयों प्रबंध समितियां पहले से ही गठित हैं। बच्चों के अभिभावक शामिल हैं इसके लिए शासन से आदेश जारी हो गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 12:34 AM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 12:34 AM (IST)
अभिभावक संभालेंगे मिडडे मील की जिम्मेदारी
अभिभावक संभालेंगे मिडडे मील की जिम्मेदारी

पीलीभीत,जेएनएन : गांवों में संचालित परिषदीय स्कूलों के बच्चों के मिडडे मील की जिम्मेदारी प्रधान व प्रधानाध्यापक मिलकर संभालते रहे हैं। कन्वर्जन कास्ट दोनों के संयुक्त बैंक खातों में आती रही है,लेकिन अब प्रधानों का कार्यकाल खत्म हो चुका है। ऐसे में बच्चों को मिडडे मील मिलने में कोई दिक्कत न आए, इसके लिए जिम्मेदारी अभिभावकों को सौंपी जाएगी। विद्यालयों प्रबंध समितियां पहले से ही गठित हैं। बच्चों के अभिभावक शामिल हैं, इसके लिए शासन से आदेश जारी हो गए हैं।

बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि निर्वाचन के बाद नई ग्राम पंचायतों की प्रथम बैठक के लिए नियत की जाने वाली तिथि तक स्कूली बच्चों को मिडडे मील की वितरण व्यवस्था अभिभावक संघों (विद्यालय प्रबंध समितियां) के माध्यम से कराई जाएगी। अभी तक संबंधित ग्राम पंचायत के प्रधान व विद्यालय के प्रधानाध्यापक संयुक्त हस्ताक्षर से मिड डे मील के खातों का संचालन होता रहा है। प्रधानों का कार्यकाल खत्म हो जाने के बाद मिडडे मील योजना के संचालन में कठिनाई उत्पन्न हो सकती है। संबंधित ग्राम प्रधानों के पास उपलब्ध खाद्यान्न व कन्वर्जन कास्ट की धनराशि तत्काल प्राप्त कर ली जाए। जिले में कुल 1801 परिषदीय विद्यालय एवं 11 शासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में पंजीकृत लगभग 1.82 लाख बच्चे मिडडे मील योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी चंद्रकेश सिंह से सीयूजी मोबाइल नंबर पर वार्ता करने का कई बार प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सका। वैसे शासन के आदेश की प्रतीक्षा शिक्षा विभाग को है।

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