टाइगर रिजर्व में हो रहा मछलियों का शिकार

टाइगर रिजर्व के लग्गा भग्गा क्षेत्र में कुछ दिनों पहले मछली शिकारियों को पकड़ा गया था।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Sep 2018 10:48 PM (IST) Updated:Wed, 12 Sep 2018 10:48 PM (IST)
टाइगर रिजर्व में हो रहा मछलियों का शिकार
टाइगर रिजर्व में हो रहा मछलियों का शिकार

कलीनगर (पीलीभीत) : टाइगर रिजर्व के लग्गा भग्गा क्षेत्र में कुछ दिनों पहले मछली शिकारियों को वनकर्मियों द्वारा पकडे़ जाने के साथ ही गुपचुप ढंग से मछली का शिकार बेरोकटोक जारी रखने के लिए लिए लाखों रुपये वसूल कर खुली छूट दे दी गई है। पीटीआर क्षेत्र में शारदा नदी का भी ठेका किया गया है। रोजाना धड़ल्ले से शिकारी मछली का शिकार कर चांदी काट रहे हैं।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व बन जाने के बाद से सभी रेंजों में वन उपज की नीलामी पूरी तरह से बंद कर दी गई है। पीटीआर बनने से पहले डीएफओ के कार्यालय पर वन उपज घास, खरिया, नरकुल और मछली पकड़ने की हर साल खुली नीलामी होती थी। नीलामी के बाद वन कर्मी ठेकेदारों से हक वसूल लेते थे। पीटीआर में नीलामी बंद होने के बाद भी कुछ रेंजों मे स्थानीय स्तर पर मछलियों के शिकार के लिए शिकारियों से मोटी रकम वसूली जाती है। माला, महोफ, हरीपुर और बराही रेंजों में मछली का शिकार खुलेआम जारी है। बराही रेंज में सबसे अधिक मछली का शिकार शारदा नदी पार लग्गाभग्गा क्षेत्र में हो रहा है। इस क्षेत्र में शिकारी नेपाल की शुक्ला फांटा से चोरी छिपे मछली मार लाते हैं। नेपाल की सेंचुरी में कुछ वर्षो पहले गभिया और नौजलिया के कुछ शिकारी शाही सेना की गोलियों का निशाना बन चुके हैं। लग्गाभग्गा क्षेत्र में कुछ दिनों पहले वन कर्मियों ने शिकारियों को पकड़ा था। इसके बाद नौजलिया वन चौकी के अधिकारी से डेढ़ लाख रुपया में शिकार का ठेका तय होने के बाद से मछली का शिकार जारी है। रमनगरा क्षेत्र से मेटाडोर से मछलियों को खटीमा समेत उत्तराखंड की मंडियों को भेजा जाता है। वहीं फैजुल्लागंज व मूसापुर और राजपुर सिमरा क्षेत्र में शारदा से मछली मारने का ठेका एक लाख में किए जाने की चर्चा है। पीटीआर में माला नदी और महोफ रेंज क्षेत्र में भी मछलियों का शिकार मिलीभगत से चल रहा है। बराही रेंजर ने कहा कि मछली मारने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

chat bot
आपका साथी