37065 शरणार्थियों को नागरिकता देने की तैयारी

केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून लागू किए के बाद अब जिला प्रशासन ने यहां पूर्वी पाकिस्तान और बांग्लादेश से विस्थापित होकर आए शरणार्थियों को नागरिकता दिलाने की कवायद तेज कर दी है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Jan 2020 10:45 PM (IST) Updated:Thu, 09 Jan 2020 06:03 AM (IST)
37065 शरणार्थियों को नागरिकता देने की तैयारी
37065 शरणार्थियों को नागरिकता देने की तैयारी

जागरण संवाददाता, पीलीभीत : केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून लागू किए के बाद अब जिला प्रशासन ने यहां पूर्वी पाकिस्तान और बांग्लादेश से विस्थापित होकर आए शरणार्थियों को नागरिकता दिलाने की कवायद तेज कर दी है। जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने जनपद में रह रहे शरणार्थियों का सर्वे कराकर उन्हें चिन्हित करा लिया है। जिले में 37065 शरणार्थियों को सूचीबद्ध किया गया। जिसके बाद उनको नागरिकता प्रदान करने के लिए सूचीबद्ध डाटा सहित प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। जिससे शरणार्थियों को जल्द नागरिकता मिलने की संभावना जताई जा रही है। जिले में सर्वाधिक शरणार्थी कलीनगर तहसील क्षेत्र में रह रहे हैं। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर शरणार्थियों में खुशी का माहौल है।

जनपद के विभिन्न ग्रामों में रह रहे शरणार्थियों को नागरिकता तथा अन्य सुविधाएं प्रदान किए जाने का मुद्दा लंबे समय से उठाया जाता रहा है। खासकर चुनाव के दौरान यह मुद्दा सियासी पार्टियों के प्रचार का हथियार भी बनता रहा है। केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून लागू करने से इन शरणार्थियों को भी तकरीबन पांच दशक बाद नागरिकता मिलने की आस जगी है।

पूरनपुर: पूर्वी पाकिस्तान और बांग्लादेश से विस्थापित होकर आए पूरनपुर और कलीनगर क्षेत्र के 29 गांवों में रहने वाले शरणार्थियों को जल्द ही नागरिकता मिलने की आशंका है। सर्वे पूरा कर सूचियां शासन को भेज दी गई हैं। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कुछ दिन पहले पूरनपुर और कलीनगर तहसील क्षेत्र के गांवों में रहने वाले शरणार्थी परिवारों को चिन्हित किया गया था। पूरनपुर में 3049 और कलीनगर के 25 गांवों में 23934 शरणार्थी चिन्हित हुए थे जो पूर्वी पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए हैं। इन शरणार्थियों के पास भारत की नागरिकता नहीं है। तहसील प्रशासन की तरफ ने इन सभी को सूचीबद्ध करते हुए रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी थी जो शासन को भेज दी गई है। जल्द ही नागरिकता मिलने की उम्मीद है। पूरनपुर में वर्ष 1964 से हुआ आगमन

वर्ष 1964 और 65 के दौरान पूरनपुर तहसील क्षेत्र के गांव चंदुईया, चंदिया हजारा, खिरकिया बरगदिया, कालोनी नंबर छह समेत चार गांवों में पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित होकर परिवार बस गए थे। 1972 में बांग्लादेश से भी शरणार्थी यहां आ गए थे जो यहां घर बनाकर खेती किसानी कर रहे हैं। इन शरणार्थियों की संख्या 3049 है। रमनगरा क्षेत्र में सबसे अधिक हैं शरणार्थी

कलीनगर तहसील क्षेत्र के गांव गभिया सहराई में 1971 के समय बांग्लादेशी शरणार्थी आए थे जिनको प्रशासन की तरफ से पांच एकड़ जमीन के पट्टे और आवासीय भूमि दी गई थी। अन्य जगह से शरणार्थियों का आना शुरू हो गया। करीब 25 गांवों में शरणार्थी रह रहे हैं, जिनके पास नागरिकता नहीं है। चिन्हित किए गए शरणार्थियों की संख्या यहां 23934 है। जिनकी सूची तैयार कर ली गई है। कुछ परिवार अभी रह गए हैं जिनके लिए दोबारा से सर्वे हो रहा है।

इन गांवों में रहते हैं शरणार्थी

कलीनगर तहसील क्षेत्र के गांव रमनगरा, गभिया सहराई, महाराजपुर, सेल्हा, पुरैना, नगरिया, बंदरबोझ, बूंदीभूड़, नौजल्हा नकटहा, कंजिया सिंहपुर सहित 25 गांवों में रहते हैं। इसके अलावा पूरनपुर के चंदुईया, चंदिया हजारा, खिरकिया बरगदिया और कालोनी नंबर छह में यह परिवार रहते हैं।

नागरिकता संशोधन कानून के मद्देनजर जनपद में पूर्वी पाकिस्तान और बंग्लादेश से विस्थापित होकर आए शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान किए जाने के लिए सभी तहसीलों में सर्वे कराया गया था, जिसके तहत पूरे जनपद में 37065 शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए सूचीबद्ध किया गया। ज्यादा शरणार्थी कलीनगर तहसील क्षेत्र में निवास कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने प्रस्ताव तैयार कर प्रदेश के गृह विभाग को भेज दिया गया है। औपचारिकताएं पूर्ण होने पर इन लोगों को जल्द नागरिकता मिलने की उम्मीद है।

- वैभव श्रीवास्तव, जिलाधिकारी

पूरनपुर तहसील क्षेत्र के चार गांवों में रहने वाले 3049 शरणार्थी परिवारों को सूचीबद्ध कर लिया गया है। यह परिवार पूर्वी पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए हुए हैं। सूची जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को भेजी जा चुकी है। जल्द ही उन्हें नागरिकता मिलने की उम्मीद है।

चंद्रभानु सिंह,उपजिलाधिकारी पूरनपुर

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