अरविद ने अपने दम पर प्राथमिक स्कूल को बना दिया मॉडल स्कूल

हम जब भी सरकारी स्कूल की कल्पना करते हैं तो हमेशा एक चित्र हमारी आखों के सामने दिखने लगता है। जिसमें हम स्कूल की कल्पना एक जर्जर स्कूल की इमारत टूटने की हालत में पड़ा फर्नीचर कहीं क्लास न होने के कारण स्कूल के ग्राउंड या पेड़ की छांव के नीचे पढ़ते छात्रों के रूप में करते हैं लेकिन इसी बीच गौतमबुद्ध नगर जिले के तुगलपुर गांव में एक ऐसा स्कूल चल रहा है जिसे वहां से शिक्षिकों के योगदान से मॉडल स्कूल में परिवर्तित किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Sep 2019 10:11 PM (IST) Updated:Wed, 04 Sep 2019 10:11 PM (IST)
अरविद ने अपने दम पर प्राथमिक स्कूल को बना दिया मॉडल स्कूल
अरविद ने अपने दम पर प्राथमिक स्कूल को बना दिया मॉडल स्कूल

सुनाक्षी गुप्ता, नोएडा

जब भी किसी सरकारी स्कूल की बात होती है तो हमारी कल्पना में एक जर्जर स्कूल की इमारत, टूटे फर्नीचर, कहीं क्लास न होने के कारण स्कूल के मैदान में या पेड़ की छांव के नीचे विद्यार्थी पढ़ते दिखाई देते हैं। हालांकि गौतमबुद्ध नगर जिले के तुगलपुर गांव में एक ऐसा स्कूल भी है जो किसी मॉडल स्कूल से कम नहीं है। यहां के शिक्षक अरविद कुमार और उनके साथी शिक्षकों ने अपनी धुन और लगन से स्कूल का कायाकल्प कर डाला है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि स्कूल में हुए सभी विकास कार्यों में शिक्षक अरविद ने अपनी जेब से धनराशि खर्च की है।

मॉडल स्कूल की सभी सुविधाएं हैं स्कूल में

इस स्कूल में वह सब सुविधाएं हैं जोकि एक मॉडल स्कूल में होनी चाहिए। उच्च प्राथमिक विद्यालय तुगलपुर में 6,7 और 8वीं कक्षा में कुल 326 छात्र हैं। विद्यालय में छात्रों के लिए एक कंप्यूटर, प्रिटर और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

डेढ़ साल में बदल दी स्कूल की सूरत

छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ उनकी सुरक्षा का ध्यान रखने के लिए विद्यालय के शिक्षक अरविद कुमार ने अपने खर्च से पिछले साल जनवरी में हर कमरे और ग्राउंड को मिलाकर छह सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं। शिक्षा में गुणवत्ता के लिए एक कंप्यूटर और एक प्रिटर भी लगाया गया है, जिसके माध्यम से बच्चों को तकनीकी (आधुनिक) दुनिया से जोड़ा जा रहा है। वहीं बिजली इन व्यवस्थाओं में बाधा न डाल सके इसके लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी बाल मुकुंद प्रसाद ने भी पिछले साल स्कूल के लिए बिजली इन्वर्टर उपलब्ध कराया है। छुट्टियों में देते हैं नि:शुल्क ट्यूशन

अंग्रेजी व विज्ञान के शिक्षक अरविद कुमार न सिर्फ स्कूल को मॉडल बना रहे हैं बल्कि छात्रों के व्यक्तित्व को भी सवार रहे हैं। गर्मियों की छुट्टियों में वह 8वीं पास बच्चों को आगे की क्लास की पढ़ाई के लिए नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करते हैं। इसके साथ ही वह छात्रों को लेकर कई ऐतिहासिक इमारतों के शैक्षिक भ्रमण के लिए भी ले जा चुके हैं। इस साल के लिए उन्होंने शिक्षा विभाग से स्कूल के बाद बच्चों को पढ़ाने की अपील की है। अरविद बताते हैं कि वह महज 15 साल की उम्र से शिक्षा के क्षेत्र में है पहले घर में ही ट्यूशन पढ़ाते थे। अब शिक्षक बनने के बाद बच्चों को स्कूल में पढ़ाते हैं और कमजोर बच्चों को अलग से नि:शुल्क शिक्षा देते हैं।

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