30 लाख का पैकेज छोड़कर बनाया ठगों का गिरोह, आठ गिरफ्तार

जागरण संवाददाता नोएडा बीमा और इंश्योरेंस पालिसी के नाम पर सैकड़ों लोगों से करोड़ों क

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Jan 2022 09:19 PM (IST) Updated:Tue, 11 Jan 2022 09:19 PM (IST)
30 लाख का पैकेज छोड़कर बनाया ठगों का गिरोह, आठ गिरफ्तार
30 लाख का पैकेज छोड़कर बनाया ठगों का गिरोह, आठ गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, नोएडा :

बीमा और इंश्योरेंस पालिसी के नाम पर सैकड़ों लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए मंगलवार को सेक्टर-58 कोतवाली पुलिस ने एक महिला सहित कुल आठ आरोपितों को सेक्टर-62 से गिरफ्तार किया है। गिरोह का सरगना नीरज 30 लाख रुपये सालाना की नौकरी छोड़कर ठगी के धंधे में उतर आया था। आरोपितों के पास से 47 लाख 55 हजार रुपये नकद, ब्रीजा, आइ-टेन और दो आई-20 कार, 16 मोबाइल, छह लैपटाप, एक हार्ले डेविडसन और 85 आधार कार्ड सहित अन्य सामान बरामद हुआ है। आरोपितों की पहचान गाजियाबाद निवासी विकास, अमरपाल, सोहन, नीतू आर्या, सुशील और बुलंदशहर निवासी अजहर और शाहरुख खान व मेरठ निवासी नीरज के रूप में हुई है। गिरोह का पर्दाफाश करने वाली टीम को अपर पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था लव कुमार ने 50 हजार और पुलिस उपायुक्त राजेश एस ने 25 हजार रुपये का इनाम दिया है। एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि सेक्टर-58 कोतवाली में छह माह पहले मोहम्मद रियाज ने आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कराते हुए शिकायत की थी कि शातिरों ने फर्जी नाम बताकर धोखा देने की नीयत से पैसा निवेश कराकर करीब दो करोड़ रुपये की ठगी की है। उसके बाद कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए कोतवाली पुलिस आरोपितों तक पहुंची। ऐसे करते थे ठगी

डीसीपी राजेश एस ने बताया कि विकास, सोहन और नीतू 2017 में सेक्टर-63 स्थित इंडिया इन्फो फाइनेंस लिमिटेड में नौकरी करते थे। यहां तीनों की मुलाकात नीरज, अजहर और अमरपाल से हुई। सभी आरोपित अलग-अलग कंपनी के इंश्योरेंस कंपनी के पालिसी का डाटा अपने पास रखते थे और उसी के सहारे व्यापक स्तर पर फर्जीवाड़ा करते थे। आरोपितों के पास एक्साइड लाइफ इंश्योरेंस, भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस, रिलाइंस निपोन लाइफ इंश्योरेंस, डीएचएफएल इंश्योरेंस कंपनी, पीएनबी मेटलाइफ इंश्योरेंस कंपनी का डाटा रहता था। इन्हीं कंपनी के सहारे आरोपितों ने रियाज अहमद के साथ दो करोड़ की ठगी की थी। डीसीपी ने बताया कि आरोपितों ने अब तक सैकड़ों लोगों के साथ फर्जीवाड़ा किया है। बनाई अकूत संपत्ति

एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि फर्जीवाड़े से अमरपाल ने डासना में एक प्रापर्टी, राजनगर एक्टेंशन में वीवीआईपी फ्लैट और देहरादून में प्लाट खरीदा है। वहीं नीरज ने राजनगर में फ्लैट व प्लाट और अजहर ने मसूरी में मकान और डासना में कई प्लाट खरीद रखे हैं। पूछताछ में सामने आया है कि सभी शातिर अलग-अलग गिरोह बनाकर कई जिलों में सीनियर सिटीजन और रिटायर्ड आफिसर सहित अन्य लोगों के साथ पालिसी के नाम पर धोखाधड़ी करते थे। ग्राहक का विश्वास जीतने के लिए प्रारंभिक चरण में आरोपित कुछ पैसा रिफंड भी कर देते थे। इसके बाद पालिसी दिलाने, पालिसी रिन्यूअल कराने और अतिरिक्त फायदा दिलाने की बात कहकर ठगी होती थी। मोहम्मद रियाज को भी आरोपितों ने सात लाख रुपये रिफंड किए थे। नाम बदल कर करते थे फोन

कोतवाली प्रभारी विनोद कुमार यादव ने बताया कि आरोपित फर्जी नामों के सहारे ठगी करते थे। आरोपित नीरज ठगी के समय निखिल जाधव बन जाता था। इसके अलावा अजहर शंभूनाथ, विकास एके त्रिपाठी, अमरपाल अटल और सोहन एके गुप्ता बनकर ठगी करता था। नीतू आर्या स्वाति सेठिया और प्रीति जबकि सुशील सुनील बनकर ठगी करता था। आरोपितों ने मुंबई, गुजरात, पुणे और राजस्थान में रहने वाले करीब 300 लोगों के साथ ठगी की है। नीरज, अमरपाल व अहजर के द्वारा सभी लोगों को कस्टमर से बात करने का टार्गेट दिया जाता था तथा जो पैसा आता था उसको सभी लोगों को बांटा जाता था। एमबीए-एमसीए पास हैं आरोपित

एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि गिरोह का मास्टरमाइंड नीरज दिल्ली से एमबीए है। नीरज मुंबई में ईएसएसआइटीवाई इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड में 30 लाख सालाना और नोएडा के कोलोप्लास्ट कंपनी में 15 लाख के सालाना पैकेज पर काम करता था। आरोपित अमरपाल ने मेरठ एफआइटी से एमसीए किया था। उसके बाद कुछ समय कंपनी में काम किया। कंपनी छोड़ने के बाद वह एक एनजीओ चलाने लगा और उसकी आड़ में फर्जीवाड़ा करता था। गिरोह पिछले पांच वर्षों से सक्रिय है। अजहर गिरोह को आपरेट करता था।

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