चिल्ला रेगुलेटर एलिवेटेड कॉरीडोर को छह साल बाद मिली हरी झंडी

लंबी जद्दोजहद के बाद चिल्ला रेगुलेटर एलिवेटड कॉरिडोर को दिल्ली के उपराज्यपाल ने मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी शुक्रवार को दिल्ली में उपराज्यपाल के यहां हुई 5

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Dec 2018 09:46 PM (IST) Updated:Fri, 14 Dec 2018 09:46 PM (IST)
चिल्ला रेगुलेटर एलिवेटेड कॉरीडोर को छह साल बाद मिली हरी झंडी
चिल्ला रेगुलेटर एलिवेटेड कॉरीडोर को छह साल बाद मिली हरी झंडी

जागरण संवाददाता, नोएडा : दिल्ली में उपराज्यपाल के यहां शुक्रवार को हुई 58वीं गवर्निग बैठक में चिल्ला रेगुलेटर एलिवेटेड कॉरीडोर की मंजूरी मिल गई। एलिवेटेड कॉरीडोर चिल्ला रेगुलेटर से महामाया फ्लाईओवर के ऊपर से होते हुए नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे तक जाएगा।

एलिवेटड कॉरीडोर के निर्माण की योजना 2013 में बनी थी। उस दौरान तकनीकी खामियों के चलते दिल्ली के उपराज्यपाल ने इसे मंजूरी नहीं दी थी। संशोधन के बाद दोबारा शुक्रवार को यूनिफाइड ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर (योजना और इंजीनिय¨रग) केंद्र (यूटीटीआइपीईसी) से मंजूरी के लिए एजेंडे के तौर पर प्रस्ताव को रखा गया, जिसे उपराज्यपाल ने मंजूरी दे दी। ऐसे में एलिवेटड के निर्माण में आ रही सारी बाधाएं दूर हो गई हैं। पहली दिल्ली सिंचाई विभाग और दूसरी यूटीटीआइपीईसी से भी मंजूरी मिल गई है। निर्माण कार्य 42 माह में पूरा करना होगा। बैठक में यूटीटीआइपीईसी, पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, डीएमआरसी, डीयूएमसी के अधिकारी मौजूद रहे।

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दो लाख लोगों को मिलेगी राहत

इस रूट पर प्रतिदिन करीब दो लाख से ज्यादा लोग नोएडा में प्रवेश करते हैं। पीक आवर के समय यहां जाम की स्थिति बनी रहती है। सबसे बुरा हाल नोएडा प्रवेश द्वार पर रहता है। यहां जाम लगने से नोएडा की अन्य सड़कों पर भी जाम लग जाता है।

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50-50 प्रतिशत खर्चे की होगी साझेदारी

एलिवेटड के निर्माण में 650 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। लागत का 50 प्रतिशत खर्च प्रदेश सरकार की ओर से किया जाएगा। इसे शासन से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है, जबकि शेष 50 प्रतिशत खर्चा नोएडा प्राधिकरण करेगा। दिल्ली के विभागों से एनओसी नहीं मिलने की वजह से काम रुका था।

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क्या होगा फायदा

चिल्ला रेगुलेटर एलिवेटड कॉरीडोर बनने से अक्षरधाम, मयूर विहार से नोएडा आने वाले वाहन जिन्हें ग्रेटर नोएडा, का¨लदी कुंज जाना है वह सीधे एलिवेटेड से नोएडा, ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे तक पहुंच सकेंगे। चिल्ला रेगुलेटर से शुरू होने वाले इस मार्ग पर चार जगह इंटरचेंज बनाए जाएंगे। ये इंटरचेंज सेक्टर-15ए, सेक्टर-16ए फिल्म सिटी, सेक्टर-37 और महामाया फ्लाईओवर के पास बनाया जाएगा, जिससे दिल्ली से आने वाले वाहन चालक सेक्टर-15ए, सेक्टर-16ए फिल्म सिटी, सेक्टर-38ए जीआइपी और सरिता बिहार जा सकते है। इसके अलावा इन स्थानों पर नोएडा से दिल्ली जाने के लिए इंटरचेंज होकर एलिवेटेड रोड पर चढ़ सकते हैं।

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एक नजर में एलिवेटड कॉरीडोर

वर्ग लागत

परियोजना की लागत 650 करोड़ रुपये

कुल लेन छह लेन

कुल लंबाई 5.50 किलोमीटर

निर्माण समय 42 माह

एनओसी जारी दिल्ली सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, यूटीटीआइपीईसी

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जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए नया एलिवेटेड ट्रैक को मंजूरी मिल चुकी है। संभवता जनवरी से इसका निर्माण शुरू कराया जा सकता है। इससे करीब दो लाख लोगों को राहत मिलने की संभावना है।

-आलोक टंडन, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, नोएडा प्राधिकरण

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