पीएसी के जवानों को सीआईएसएफ अधिकारी करेंगे प्रशिक्षित

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के अधिकारियों की ओर से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्वा लाइन मेट्रो की सुरक्षा में लगने वाले पीएसी जवानों को ट्रे¨नग दी जाएगी। नोएडा मेट्रो रेल कारपोरेशन (एनएमआरसी) अपने 21 स्टेशनों की सुरक्षा के लिए पीएसी के 600 जवानों को लगा रही है। इन जवानों को इंदिरापुरम स्थित सीआईएसएफ मुख्यालय में 100-100 के ग्रुप में ट्रे¨नग दी जाएगी। इसके अलावा इन स्टेशनों पर लगभग 200 निजी सुरक्षा गार्ड (भूतपूर्व सैनिक) भी लगाए जाएंगे। यह सभी जवान कल्याण निगम से जुड़े हुए हैं। इनको भी सीआईएसएफ ही ट्रे¨नग देगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Dec 2018 10:43 PM (IST) Updated:Fri, 14 Dec 2018 10:43 PM (IST)
पीएसी के जवानों को सीआईएसएफ अधिकारी करेंगे प्रशिक्षित
पीएसी के जवानों को सीआईएसएफ अधिकारी करेंगे प्रशिक्षित

जागरण संवाददाता, नोएडा :

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के अधिकारियों की ओर से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्वा लाइन मेट्रो की सुरक्षा में लगने वाले पीएसी जवानों को ट्रे¨नग दी जाएगी। नोएडा मेट्रो रेल कारपोरेशन (एनएमआरसी) अपने 21 स्टेशनों की सुरक्षा के लिए पीएसी के 600 जवानों को लगा रही है। इन जवानों को इंदिरापुरम स्थित सीआईएसएफ मुख्यालय में 100-100 के ग्रुप में ट्रे¨नग दी जाएगी। इसके अलावा इन स्टेशनों पर लगभग 200 निजी सुरक्षा गार्ड (भूतपूर्व सैनिक) भी लगाए जाएंगे। यह सभी जवान कल्याण निगम से जुड़े हुए हैं। इनको भी सीआईएसएफ ही ट्रे¨नग देगी।

एनएमआरसी अधिकारियों के मुताबिक लखनऊ मुख्यालय की ओर से लिखित सूचना जारी हो चुकी है। अगले एक सप्ताह में मेट्रो स्टेशन पीएसी के जवानों को हैंड ओवर कर दिए जाएंगे। चूंकि दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ उठा रही है। सीआईएसएफ को मेट्रो स्टेशनों की सुरक्षा कैसे की जाए? इसके बारे में अच्छे से पता है। इस वजह से ये तय किया गया कि पीएसी के जवानों को पहले सीआईएसएफ से ट्रे¨नग दिलवा दी जाए उसके बाद इनको नियुक्त किया जाए। सीआईएसएफ के जवानों को मेट्रो स्टेशनों की सुरक्षा का कोई अनुभव नहीं है। स्टेशन पर सुरक्षा के लिए सभी जरूरी उपकरण लगा दिए गए हैं। ट्रे¨नग के दौरान पीएसी के जवान इन उपकरणों को चलाना भी सीख जाएंगे। सीआईएसएफ के जवान स्टेशनों पर सुरक्षा के लिए अन्य तरीकों के बारे में भी उनको बताएंगे जिससे सुरक्षा पुख्ता हो सके। ट्रे¨नग मिल जाने के बाद ये जवान इन्हीं उपकरणों के सहारे स्टेशनों की सुरक्षा करेंगे।

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