मोबाइल एप्लिकेशन व एप आधारित कैब की मदद से अब कटेगा चालान

मोबाइल एप्लिकेशन व एप आधारित कैब की मदद से सड़कों पर यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाते चलने वाले वाहन चालकों पर अब शिकंजा कसने की तैयारी है। निजी आईटी कंपनी की मदद से यातायात विभाग ने इसके लिए एक विशेष मोबाइल एप तैयार किया है। इसमें शहर में एप आधारित कैब संचालित करने वाली कंपनियों की मदद ली जाएगी। जीपीएस के जरिए लोकेशन देखने के लिए जिस मोबाइल का इस्तेमाल कैब चालक करते हैं उसी मोबाइल में यातायात पुलिस अपने इस एप को डाउनलोड कर देगी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Feb 2019 10:05 PM (IST) Updated:Sat, 16 Feb 2019 10:05 PM (IST)
मोबाइल एप्लिकेशन व एप आधारित कैब की मदद से अब कटेगा चालान
मोबाइल एप्लिकेशन व एप आधारित कैब की मदद से अब कटेगा चालान

जागरण संवाददाता, नोएडा : मोबाइल एप्लिकेशन व एप आधारित कैब की मदद से सड़कों पर यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाते चलने वाले वाहन चालकों पर अब शिकंजा कसने की तैयारी है। निजी आइटी कंपनी की मदद से यातायात विभाग ने इसके लिए एक विशेष मोबाइल एप तैयार किया है। इसमें शहर में एप आधारित कैब संचालित करने वाली कंपनियों की मदद ली जाएगी। जीपीएस के जरिए लोकेशन देखने के लिए जिस मोबाइल का इस्तेमाल कैब चालक करते हैं उसी मोबाइल में यातायात पुलिस अपने इस एप को डाउनलोड कर देगी। उसके बाद जब कैब सड़कों पर चलेगी तो उसके सामने सड़क पर होने वाली गतिविधि का वीडियो उस मोबाइल एप में कैमरे के जरिये कैद होगा।

वह वीडियो यातायात पुलिस को सर्वर के जरिए मिलेगा। उन वीडियो को देखने के बाद यातायात पुलिस सड़क पर नियमों का उल्लंघन कर चलने वाली गाड़ियों का चालान फोटो व समय के साथ कर सकेगी। यातायात विभाग का कहना है कि इससे चौराहे, एक्सप्रेस वे या अन्य मागरें पर यातायात नियम तोड़ने, एक्सप्रेस वे पर लेन ड्राइ¨वग नहीं करने, रांग साइड चलने सहित अन्य प्रकार से यातायात नियम तोड़ने वालों की आसानी से पहचान होगी और उनका चालान हो सकेगा। 300 कैब से योजना को लांच करने की है तैयारी

यातायात विभाग के अनुसार शुरुआती दौर में तीन सौ कैब से इसकी शुरुआत करने की योजना है। इस प्रक्रिया का ट्रायल सफल रहा है। शुरुआती दौर में मोबाइल एप्लिकेशन बनाने वाली कंपनी ही डाटा का विश्लेषण कर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों का डाटा (फोटो, समय, स्थान के साथ) यातायात विभाग को देगी व चालान हो सकेगा। कुछ माह में जब यातायात पुलिस के कर्मचारी ट्रेंड होंगे तो यातायात विभाग के कार्यालय से ही इसका संचालन हो सकेगा। एप आधारित कैब संचालित होने वाली एक कंपनी से इसको लेकर बातचीत हो चुकी है। उम्मीद है कि फरवरी माह के अंत तक इस योजना की शुरुआत हो सकेगी। अभी इन माध्यम से हो रहा चालान

- यातायात विभाग के मोबाइल एप।

- एक्सप्रेस वे पर हाइवे ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एचटीएमएस)

- चार चौराहे व एलिवेटेड रोड पर अत्याधुनिक कैमरा लगाकर।

- अत्याधुनिक कैमरे की मदद से यमुना एक्सप्रेस वे पर।

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10 फीसद लोग ही भर रहे जुर्माना, नौ करोड़ से अधिक बकाया -

प्रदेश में पहली बार मोबाइल एप के जरिए चालान की प्रक्रिया नोएडा में पिछले वर्ष जुलाई माह में शुरू हुई थी। 100 से अधिक मोबाइल के जरिए यातायात विभाग अभी जिले में चालान कर रही है। पिछले करीब आठ माह में केवल इन मोबाइल एप से दो लाख 70 हजार से अधिक वाहनों का चालान हो चुका है। लेकिन जुर्माना भरने वालों की संख्या काफी कम है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार जिन वाहनों का मोबाइल एप से चालान किया गया है उसमें केवल 10 प्रतिशत लोग ही जुर्माने का भुगतान करने के लिए यातायात विभाग के दफ्तर तक पहुंचे। 9 करोड़ से अधिक जुर्माने की रकम अभी भी लोगों पर यातायात विभाग का बकाया है। पेटीएम के जरिये भुगतान की व्यवस्था जल्द -

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे, यमुना एक्सप्रेस वे के अलावा शहर के कई चौराहों पर कैमरों के जरिए ऑनलाइन चालान हो रहे हैं, लेकिन अबतक ऑनलाइन जुर्माना भरने की व्यवस्था नहीं है। जुर्माना भरने का प्रतिशत काफी कम होने के पीछे ऑनलाइन व्यवस्था नहीं होना भी था। यातायात पुलिस ने इससे निपटने की तैयारी भी पूरी कर ली है। पेटीएम के जरिये जुर्माने की भुगतान हो इसके लिए आवश्यक तैयारियां हो चुकी है। यातायात विभाग के अनुसार पिछले दिनों कुछ देर के लिए ऑनलाइन भुगतान व्यवस्था का ट्रायल किया गया था। कुछ ही देर में विभिन्न जिलों के 70 लोगों ने ऑनलाइन जुर्माना अदा कर दिया था। ट्रायल के बाद अन्य औपचारिकताएं पूरी कर जल्द ही इस व्यवस्था की शुरुआत हो सकेगी। उम्मीद है कि ऑनलाइन व्यवस्था शुरू होने के बाद जुर्माना भरने वालों की संख्या में इजाफा होगा और लोग घर बैठे जुर्माना भर सकेंगे। जीपीएस के लिए इस्तेमाल करने वाले मोबाइल में इस विशेष एप को डाउन लोड किया जाएगा। जब कैब सड़क पर चलेगी तो उस एप से कैब के आगे की गतिविधि सर्वर से मिलेगी। उस डेटा का विश्लेषण कर यातायात नियम को तोड़ चलने वालों का चालान किया जा सकेगा। इसके लिए एक निजी आईटी कंपनी व एप आधारित कैब संचालित करने वाली कंपनियों की मदद ली जाएगी। ट्रायल सफल रहा है। करीब 300 कैब से इस योजना को जल्द लांच किया जाएगा।

अनिल कुमार झा, पुलिस अधीक्षक यातायात हर ट्रैफिक इंस्पेक्टर के पास एक चौराहे पर यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने की जिम्मेदारी -

जाम से जूझ रहे शहर के चौराहों पर यातायात प्रबंधन के लिए अलग से एक-एक ट्रैफिक इंस्पेक्टर की जिम्मेदारी तय की गई है। जिले में तैनात छह ट्रैफिक इंस्पेक्टर को अपने सर्किल व कार्य के अलावा नोएडा-ग्रेटर नोएडा के अलग-अलग एक-एक चौराहे पर यातायात प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई है। उस चौराहे पर यातायात प्रबंधन के साथ ट्रैफिक से जुड़ी समस्याओं का निराकरण उन्हें ही करना होगा। इसके लिए पुलिस अधीक्षक (यातायात) अनिल कुमार झा ने पत्र जारी कर दिया है। अगले एक माह के अंदर अभियान चलाकर अपने-अपने चौराहे पर यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने को कहा गया है। ट्रैफिक मैनेजमेंट या यातायात से जुड़ी अन्य कोई समस्या उस चौराहे पर आती है तो संबंधित यातायात निरीक्षक की जिम्मेदारी होगी। इन चौराहों की दी गई अतिरिक्त जिम्मेदारी -

अट्टा बाजार, सेक्टर 18 - राजीव वशिष्ठ

सेक्टर 71 चौराहा - अनिल पाण्डेय

सिटी सेंटर मेट्रो के आस-पास - विक्रम ¨सह

मॉडल टाउन गोल चक्कर - विनोद कुमार

परी चौक - रामरत्न ¨सह

सूरजपुर तिराहा व उसके आस-पास - संजय यादव

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