Chinese Espionage Case: दिल्ली-एनसीआर के क्लब बने चीनी नागरिकों के जासूसी के ठिकाने

चीनी नागरिक नार्थ ईस्ट भारत की युवतियों को प्रेम जाल में फंसा कर उनको जासूसी में लिप्त कर रहे हैं। भारतीय युवतियों के साथ लिव इन में रहना चीनी नागरिकों के लिए आम कल्चर हो गया है। विदेशी होने की वजह से पुलिस भी उनसे रोक-टोक नहीं कर पाती है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Tue, 14 Jun 2022 10:34 AM (IST) Updated:Tue, 14 Jun 2022 12:55 PM (IST)
Chinese Espionage Case: दिल्ली-एनसीआर के क्लब बने चीनी नागरिकों के जासूसी के ठिकाने
दिल्ली-एनसीआर के क्लब बने चीनी नागरिकों के जासूसी के ठिकाने

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा [प्रवीण विक्रम सिंह]। भारत-नेपाल सीमा पर जासूसी के शक में दोनों चीनी नागरिकों की गिरफ्तारी के बाद कई राज से पर्दा उठा है। पूछताछ में पता चला है कि दोनों चीनी नागरिकों को भारत में पनाह देने वाला चीनी नागरिक सु फाइ लिव इन रिलेशन में पेटेख रेनुओ नाम की युवती के साथ पिछले एक साल से रह रहा था। पेटेख नगालैंड के कोहिमा की रहने वाली है। दोनों की मुलाकात एक साल पहले गुरुग्राम के सेक्टर 29 स्थित पब में हुई थी। करीबियां बढ़ीं और दोनों लिव इन में ग्रेटर नोएडा की जेपी ग्रींस सोसायटी में रहने लगे। सूत्रों ने दावा किया है कि जासूसी में सु फाइ ने पेटेख की मदद लेनी शुरू कर दी। इसके बदले में वह मोटी रकम उसके खाते में ट्रांसफर करता था।

गुरुग्राम स्थित होटल में जब पुलिस ने दोनों को पकड़ा तो पेटेख ने खुद को सु फाइ की पत्नी बताया। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि सु फाइ पूर्व से शादीशुदा है। उसकी दो पत्नी व तीन बच्चे चीन में रहते हैं। पेटेख की उम्र 22 है जबकि सु फाइ 36 साल का है। वह अपने से 14 साल छोटी युवती को प्रेम जाल में फंसाकर उसकी मदद ले रहा था।

जेपी ग्रींस के पते पर बनवाया वोटर आइडी कार्ड

हैरानी की बात यह है कि चीनी नागरिक के साथ जेपी ग्रींस सोसायटी में लिव इन में रहने वाली नगालैंड की युवती ने वहां का आधार कार्ड होते हुए जेपी ग्रींस के पते पर आधार कार्ड बनवा लिया। यहीं के पते पर वोटर आइडी कार्ड भी बनवा लिया गया। यह सब देश की सुरक्षा में चूक माना जा रहा है।

ब्रोकर के माध्यम से लिया था फ्लैट

पुलिस जांच में पता चला है कि चीनी नागरिक ने ब्रोकर अनिल के माध्यम से फर्जी कागजात लगाकर जेपी ग्रींस सोसायटी में पिछले साल अक्टूबर के महीने में फ्लैट किराए पर लिया था। इसी फ्लैट पर दो चीनी नागरिक रुके थे जो कि भारत-नेपाल सीमा पर पकड़े गए।

फर्जी वीजा पर अलग पता

फर्जी वीजा बनाने के लिए सु फाइ ने नोएडा के सेक्टर 92 का पता उस पर अंकित किया हुआ है। आशंका है कि जेपी ग्रींस में फ्लैट लेने से पहले वह नोएडा में रहता था।

अकाउंट डिटेल खंगालने में जुटी पुलिस

चीनी नागरिक सु फाइ व उसकी महिला मित्र के बैंक अकाउंट की जानकारी पुलिस के हाथ लगी है। पुलिस बैंक से संपर्क कर खाते की जांच करेगी कि उसमें कब-कब कितनी रकम कहां से आई है। वित्तीय जालसाजी के मामले में पुलिस के लिए यह अहम सुराग साबित हो सकता है।

पेटेख की बहन भी ग्रेटर नोएडा में रहती है

पुलिस पूछताछ में चीनी नागरिक की महिला मित्र पेटेख रेनुओ ने बताया है कि उसकी बड़ी बहन भी ग्रेटर नोएडा में अपने पुरुष मित्र के साथ रहती है। पेटेख पूर्व में ब्यूटी पार्लर में काम कर चुकी है।

एलआइयू व आइबी कर रही पूछताछ

चीनी नागरिक सु फाइ व उसकी महिला मित्र से एलआइयू व आइबी पूछताछ कर रही है। चीनी नागरिक को भारत में लंबा समय होने की वजह से हिंदी भी समझ में आने लगी है। उससे हिंदी और चीनी दोनों भाषा में पूछताछ की जा रही है।

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