नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की दूर हुई बड़ी समस्या, रूस से जल्द पहुंचेगा ये जरूरी उपकरण
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) की बड़ी बाधा दूर हो गई है। एयरपोर्ट पर हवाई यात्रा के संचालन के लिए जरूरी रडार की उपलब्धता हो गई है। 27 मार्च को रडार रूस से भारत पहुंच चुका है। भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण ने इसे लगाने का काम शुरू कर दिया है। यह कार्य तीस अप्रैल तक पूरा हो जाएगा। पांच सितंबर तक रडार की कमिशनिंग हो जाएगी।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) की बड़ी बाधा दूर हो गई है। एयरपोर्ट पर हवाई यात्रा के संचालन के लिए जरूरी रडार की उपलब्धता हो गई है। 27 मार्च को रडार रूस से भारत पहुंच चुका है।
भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण ने इसे लगाने का काम शुरू कर दिया है। यह कार्य तीस अप्रैल तक पूरा हो जाएगा। पांच सितंबर तक रडार की कमिशनिंग हो जाएगी। आटोमेटिक डेपेंडेंट सर्विलांस ब्राडकास्ट (एडीएस-बी), एडवांस सरफेस मूवमेंट गाइडेंट्स एंड कंट्रोल सिस्टम (एएसएमजीसीएस), आटोमेशन सिस्टम और सरफेस मूवमेंट रडार (एसएमआर) का काम चल रहा है। एयरपोर्ट से प्रतिदिन 150 विमान प्रतिदिन उड़ान भर सकेंगे।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण अंतिम चरण में चल रहा है। अक्टूबर से यात्री सेवाओं का संचालन शुरू हो जाएगा, लेकिन हवाई सेवाओं के संचालन में सबसे बड़ी बाधा रडार को लेकर थी। मुख्य सचिव डीएस मिश्रा ने भारतीय विमान पत्तर प्राधिकरण के अधिकारियों को एयरपोर्ट के निरीक्षण के दौरान रडार की उपलब्धता समय से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे।
वहीं रडार की उपलब्धता होने तक वैकल्पिक इंतजाम पर भी विचार किया जा रहा था। एयरपोर्ट पर सर्विलांस रडार (एआरएस) नार्थ और एयरपोर्ट सर्विलांस रडार (एआरएस) साउथ का काम रुका हुआ था।
लेकिन 27 मार्च को रडार के भारत पहुंचने से यह बाधा दूर हो चुकी है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. नियाल के नोडल अफसर शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण ने रडार को स्थापित करने का काम शुरू कर दिया है। यह कार्य तीस अप्रैल तक पूरा हो जाएगा। पांच सितंबर तक रडार की कमिशनिंग हो जाएगी। रडार लगाने के बाद एयरपोर्ट से यात्री सेवाओं की शुरुआत पूरी क्षमता से हो सकेगी।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण का निर्माण कार्य 1334 हे. में चल रहा है। 3900 मीटर लंबा रनवे बनकर तैयार हो चुका है। इसके साथ ही एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर पर शीशे व उपकरण लगाने का काम पूरा होने को है।