नोएडा: कोरोना मरीजों के इलाज के लिए चाइल्ड पीजीआइ में बनेगा प्लाज्मा स्टोर

दो दिन पूर्व ही इंडियन मेडिकल काउंसिल ऑफ रिसर्च (आइसीएमआर) ने अस्पताल में प्लाज्मा थेरेपी से इलाज और शोध की अनुमति दी है।

By Neel RajputEdited By: Publish:Wed, 13 May 2020 03:05 PM (IST) Updated:Wed, 13 May 2020 03:05 PM (IST)
नोएडा: कोरोना मरीजों के इलाज के लिए चाइल्ड पीजीआइ में बनेगा प्लाज्मा स्टोर
नोएडा: कोरोना मरीजों के इलाज के लिए चाइल्ड पीजीआइ में बनेगा प्लाज्मा स्टोर

नोएडा, जागरण संवाददाता।  नोएडा सेक्टर-30 स्थित चाइल्ड पीजीआइ में प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज से पहले यहां प्लाज्मा स्टोर बैंक बनाया जाएगा। जहां कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों का प्लाज्मा लेकर रखा जाएगा। बाद में यही प्लाज्मा संक्रमित मरीजों को इलाज में काम आएगा। दरअसल दो दिन पूर्व ही इंडियन मेडिकल काउंसिल ऑफ रिसर्च (आइसीएमआर) ने अस्पताल में प्लाज्मा थेरेपी से इलाज और शोध की अनुमति दी है। जिससे अस्पताल में कोरोना संक्रमण से ग्रस्त हुए मरीजों को इस थेरेपी से इलाज की उम्मीद जगी है।

इस थेरेपी में कोरोना संक्रमण के गंभीर रूप से बीमार मरीजों को प्लाज्मा देकर इलाज किया जाता है। इलाज के लिए वही लोग प्लाज्मा दे सकते हैं, जो कोरोना संक्रमण से ठीक हुए हों। अस्पताल प्रबंधन ने यहां से ठीक हुए मरीजों से संपर्क करना शुरू कर दिया है। ताकि उन मरीजों का प्लाज्मा स्टोर किया जा सके। तीन मरीजों ने प्लाज्मा दान के लिए अनुमति भी दी है। लेकिन प्लाज्मा देने की तिथि निर्धारित नहीं हुई है।

निदेशक डॉ. डीके गुप्ता का कहना है कि अस्पताल से अब तक 45 कोरोना मरीजों को स्वस्थ कर घर भेजा जा चुका है। इनमें से कई मरीजों को प्लाज्मा दान के लिए फोन किया गया है। तीन लोगों ने इसके लिए सहमति दी है, लेकिन वह कब रक्तदान करेंगे इस बारे में निर्णय नहीं हो पाया है। ब्लड बैंक में 300 यूनिट प्लाज्मा एकत्र करने की व्यवस्था है। जो एक साल तक सुरक्षित रह सकता है। प्लाज्मा को माइनस 20 डिग्री से भी कम तापमान में रखा जाता है। प्लाज्मा देने के लिए यह नियम है कि कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाला व्यक्ति स्वास्थ्य हो। उसकी आयु 18 से 65 वर्ष के बीच हो, एचआईवी, हेपेटाइटिस से पीड़ित, इंसुलिन लेने वाला व्यक्ति प्लाज्मा नहीं दे सकता है।

गौरतलब है कि नोएडा में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 200 से ऊपर पहुंच चुका है।

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