नोएडा स्टेडियम घोटाले में 9 पूर्व अधिकारियों की गिरफ्तारी तय, CBI की रडार पर आरोपित
Noida stadium scam नोएडा क्रिकेट स्टेडियम घोटाले में आरोपित नौ पूर्व अधिकारियों और कर्मचारियों की गिरफ्तारी किसी भी समय सीबीआइ कर सकती है।
नोएडा [कुंदन तिवारी]। Noida Stadium Scam: नोएडा क्रिकेट स्टेडियम घोटाले में आरोपित नौ पूर्व अधिकारियों और कर्मचारियों की गिरफ्तारी किसी भी समय सीबीआइ कर सकती है। तीनों प्राधिकरणों के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह की सोमवार को सीबीआइ की ओर से दोबारा गिरफ्तारी करने के बाद अब अन्य अधिकारियों गिरफ्तारी की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं।
2010-11 में सेक्टर-21 ए स्थित नोएडा स्टेडियम में नोएडा स्टेडियम पवेलियन सहित बनाने के लिए नोएडा प्राधिकरण की ओर से करीब 60 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया था। इसके निर्माण को पूरा करने में 300 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया गया है, लेकिन अभी कई सौ करोड़ रुपये का काम स्टेडियम में बाकी है।
नोएडा प्राधिकरण के पूर्व अधिकारी आरोपित
वर्ष 2015 में जब यादव सिंह के खिलाफ सीबीआइ ने अंडरग्राउंड केबलिंग के 954.38 करोड़ रुपये का मुकदमा दर्ज किया तो उस समय नोएडा स्टेडियम प्रकरण की एफआइआर को इसी के साथ जोड़ दिया गया। नोएडा क्रिकेट स्टेडियम जांच के प्रथम चरण की कार्रवाई में टेंडर जारी करने में भारी अनियमितताएं मिली हैं। इसमें नोएडा प्राधिकरण में उस समय तैनात नौ लोगों की सीधी संलिप्तता सामने आई। सीबीआइ ने अपने पत्र में सभी के नामों को उनके पदनाम के जरिये स्पष्ट किया है।
इसमें तत्कालीन वित्त नियंत्रक से लेकर संविदा पर तैनात जेई तक शामिल हैं। इन पर एफआइआर दर्ज कर गिरफ्तार करने की अनुमति मांगी गई थी, जिसे शासन ने 31 दिसंबर को संस्तुति प्रदान कर दी है। हालांकि इस संस्तुति में तत्कालीन मुख्य परियोजना अभियंता संतराम का नाम नहीं शामिल है। जो मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग में मुख्य अभियंता के पद पर तैनात बताए जा रहे है, लेकिन उनका नाम शासन स्तर पर जारी कार्रवाई की संस्तुति में नहीं होने से एक बार फिर से साठगांठ उजागर कर रहा है।