छूट गया रोजगार, मनरेगा से बढ़ी आस
कोरोना महामारी के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। ऐसे में लॉकडाउन लगाया गया था। इसके चलते देश को आर्थिक तौर पर काफी नुकसान भी उठाना पड़ा। कई लोगों को काम-धंधे व रोजगार से हाथ धोना पड़ा। हालांकि अब सरकार ने लॉकडाउन में ढील दे दी है। विकास का पहिया धीरे-धीरे चल पड़ा है। ऐसे समय में कामगार वर्ग के लिए मनरेगा कारगर हथियार बनकर उभर रहा है। कई लोग मनरेगा के तहत काम के लिए आवेदन कर रहे हैं। अकेले गौतमबुद्ध नगर के दादरी व जेवर क्षेत्र से 241 लोग मनरेगा के तहत काम के लिए आवेदन कर चुके हैं। मनरेगा की मेरठ जोन की लोकपाल अंशु त्यागी ने बताया कि मनरेगा के तहत काम करने वालों की दिहाड़ी बढ़ाकर 201 रुपये कर दी गई है। इसके तहत 262 काम कराए जाते हैं। देखा
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- लॉकडाउन के चलते कई लोगों को काम-धंधे बंद हो गए
- रोजगार की तलाश में मनरेगा के तहत कर रहे आवेदन
- दादरी, जेवर से 241 लोगों ने मांगा काम चंद्रशेखर वर्मा, ग्रेटर नोएडा
कोरोना महामारी को फैलने से रोकने को देश में लॉकडाउन लगाया गया। इस दौरान सभी व्यावसायिक गतिविधियां बंद होने के चलते देश को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा। कई लोगों को काम-धंधे व रोजगार से हाथ धोना पड़ा। हालांकि, अब सरकार ने लॉकडाउन-4 में ढील दे दी है। विकास का पहिया धीरे-धीरे घूमने लगा है। ऐसे समय में कामगार वर्ग के लिए मनरेगा एक मजबूत विकल्प दिख रहा है। कई लोग मनरेगा के तहत काम के लिए आवेदन कर रहे हैं। अकेले गौतमबुद्ध नगर के दादरी व जेवर क्षेत्र से 241 लोग मनरेगा के तहत काम के लिए आवेदन कर चुके हैं।
मनरेगा की मेरठ जोन की लोकपाल अंशु त्यागी ने बताया कि इसके तहत काम करने वालों की दिहाड़ी बढ़ाकर 201 रुपये कर दी गई है। इसके तहत 262 काम कराए जाते हैं। देखा जा रहा है कि लॉकडाउन के चलते रोजगार खोने की वजह से बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार अपने घरों को लौट रहे हैं। यहां इनके जीविका का अहम साधन मनरेगा बन रहा है। काफी तादाद में कामगार मनरेगा के तहत आवेदन कर रहे हैं। गौतमबुद्ध नगर की बात करें तो यहां 241 कामगार मनरेगा के तहत आवेदन कर चुके हैं। इनमें 229 आवेदक दादरी और 12 जेवर के हैं। सभी आवेदकों के नाम, मोबाइल नंबर आदि को खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) के पास भेज दिया गया है। सभी के जॉब कार्ड बनाकर काम दिलाने को कहा गया है।
अंशु त्यागी ने बताया कि अक्सर शिकायत आती है कि जब कोई आवेदक काम दिलाने के लिए अधिकारी या प्रधान के पास जाता है तो उनका काम नहीं होता। किसी बहाने से टाल दिया जाता है। अधिक दिक्कत होने पर मोबाइल नंबर 9027731803 पर कॉल या मैसेज कर सकते हैं। साथ ही वाट्सएप पर भी शिकायत दे सकते हैं। हर शुक्रवार को सूरजपुर स्थित विकास भवन के कार्यालय में सुबह 11 बजे बाद कोई भी आकर मिल सकता है।