सोसायटी की लिफ्ट में 40 मिनट तक फंसे रहे दो बच्चे

जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा ग्रेटर नोएडा वेस्ट की साया जिओन सोसायटी में रविवार रात द

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 07:09 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 07:09 PM (IST)
सोसायटी की लिफ्ट में 40 मिनट तक फंसे रहे दो बच्चे
सोसायटी की लिफ्ट में 40 मिनट तक फंसे रहे दो बच्चे

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा वेस्ट की साया जिओन सोसायटी में रविवार रात दो बच्चे लिफ्ट में फंस गए। दोनों बच्चे करीब 40 मिनट तक लिफ्ट में फंसे रहे। कड़ी मशक्कत के बाद बच्चों को बाहर निकाला जा सका। घटना के बाद से बच्चे काफी डरे व सहमे हुए हैं। सोसायटी के लोगों ने बिल्डर प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए आक्रोश जताया है।

सोसायटी के आइ टावर के 10 वें फ्लोर पर पवन कालरा अपने परिवार के साथ रहते हैं। पवन कालरा ने बताया कि रविवार शाम को उनका बेटा प्रज्ञ (13) व बेटी शानवी (09) सोसायटी के क्लब में खेलने गए थे। साढ़े सात बजे के करीब अचानक मौसम खराब हो गया। उन्होंने बेटे के मोबाइल पर फोन कर जल्दी घर आने को कहा। कुछ देर बाद बारिश की वजह से अचानक बिजली गुल हो गई। उन्होंने अपने बेटे को फोन पर संपर्क करना चाहा, लेकिन संपर्क नहीं हो सका। जब दोनों बच्चे काफी देर बाद भी घर नहीं पहुंचे तो उन्हें बच्चों के लिफ्ट में फंसे होने का शक हुआ। उन्होंने जांच की तो लिफ्ट बंद मिली। जिसके बाद उन्होंने सोसायटी के लोगों के साथ मिलकर गहनता से प्रत्येक टावर पर पहुंचकर लिफ्ट की जांच की। दोनों बच्चे तीसरे व चौथे फ्लोर के मध्य लिफ्ट में फंसे मिले। बच्चे ने समझदारी का परिचय देते हुए मोबाइल की टार्च जला रखी थी। पीड़ित स्वजन ने मामले की जानकारी रखरखाव प्रबंधन के कर्मचारियों को दी। इसके बाद डीजी सिस्टम चालू कर बच्चों को बाहर निकालना चाहा, लेकिन डीजी सिस्टम ने काम नहीं किया। निवासियों का आरोप है कि रखरखाव प्रबंधन की टीम में एक भी लिफ्ट आपरेटर नहीं था। जिसकी वजह से दोनों बच्चों को बाहर निकालने में खासी परेशानी हुई। सोसायटी निवासी वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि व्यवस्थाओं के नाम पर सोसायटी में मूलभूत सुविधाओं की कमी है। रखरखाव के नाम पर मोटा शुल्क वसूलने के बाद भी सोसायटी में लिफ्ट की देखभाल का कार्य नहीं हो रहा है। इसका खामियाजा सोसायटी के लोग भुगतने को मजबूर हैं। निवासियों का कहना है कि यदि बिजली चली जाए तो लिफ्ट संचालन के लिए पावर बैकअप होना चाहिए था। लिफ्ट में बच्चों के फंसने के बाद आपातकालीन बटनों ने भी काम नहीं किया। लिफ्ट का कोई आपरेटर नहीं है। सुरक्षाकर्मियों को भी आपात स्थिति से निपटने का कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया है।

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