कटआउट: खामियां दुरुस्त करने को डिस्चार्ज लोगों से फीडबैक ले रहे चिकित्सक

जागरण संवाददाता नोएडा कोविड अस्पताल में मरीजों को कैसा उपचार मिला

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Jun 2020 11:40 PM (IST) Updated:Wed, 03 Jun 2020 06:10 AM (IST)
कटआउट: खामियां दुरुस्त करने को डिस्चार्ज लोगों से फीडबैक ले रहे चिकित्सक
कटआउट: खामियां दुरुस्त करने को डिस्चार्ज लोगों से फीडबैक ले रहे चिकित्सक

जागरण संवाददाता, नोएडा : कोविड अस्पताल में मरीजों को कैसा उपचार मिला, उन्हें क्या परेशानी हुई और वह क्या सुविधा चाहते थे, अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर गए मरीजों की अब क्या स्थिति है, कोविड अस्पताल के चिकित्सक मरीजों से इस संबंध में रैंडम फीडबैक ले रहे हैं। इससे एक तो कोरोना को मात देने वाले लोगों की तबीयत का पता लगाया जाएगा। साथ ही भर्ती मरीजों के हित में कदम उठाकर असुविधाओं को दूर किया जाएगा। अब तक चाइल्ड पीजीआइ में शून्य से लेकर 90 वर्ष तक के मरीज का सफल इलाज हुआ है।

सेक्टर-30 स्थित चाइल्ड पीजीआइ को स्वास्थ्य विभाग ने कोविड अस्पताल बनाया हुआ है। वहां फिलहाल 50 बेड का आइसोलेशन वार्ड है। दो महीने में चिकित्सक अब तक 134 मरीजों का सफल इलाज कर चुके हैं। इनमें नवजात से लेकर 90 वर्ष तक के बुजुर्ग शामिल हैं। इस समय अस्पताल में 22 पॉजिटिव मरीज का इलाज चल रहा है। अस्पताल में भर्ती हुए किसी भी मरीज को अब तक न तो वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ी है और न ही किसी भी उम्र के मरीज की कोरोना से मौत ही हुई। अस्पताल का रिकॉर्ड कायम रखने के लिए चाइल्ड पीजीआइ प्रबंधन ने नई पहल शुरू की है। चिकित्सक कोरोना को मात देने वाले लोगों को फोन कर रैंडम फीडबैक ले रहे हैं। फोन पर उनकी तबीयत का हाल, अस्पताल की सुविधाओं में सुधार आदि बिंदुओं पर राय ली जाती है। ताकि भर्ती मरीजों को उन समस्याओं का सामना न करना पड़े। प्लाज्मा थेरेपी को मरीज की दरकार

अब तक चाइल्ड पीजीआइ में आठ यूनिट प्लाज्मा स्टोर किया जा चुका है। जिले में एक मरीज प्लाज्मा थेरेपी से चंद दिनों में ठीक हो चुका है, लेकिन चाइल्ड पीजीआइ के किसी मरीज को अब तक प्लाज्मा थेरेपी से उपचार की आवश्यकता नहीं पड़ी है। चिकित्सकों का कहना है कि प्लाज्मा से इलाज की जरूरत उन मरीजों को होती है, जिनकी कोरोना से गंभीर स्थिति हो। कोट

चाइल्ड पीजीआइ प्रबंधन ने स्वस्थ हुए लोगों से रैंडम फीडबैक लेकर असुविधाओं को दूर करने की पहल शुरू की है। अब तक चाइल्ड पीजीआइ में एक भी मरीज की मौत नहीं हुई, रिकॉर्ड को मेंटेन करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

-डॉ. मेजर बीपी सिंह, नोडल ऑफिसर, कोविड अस्पताल चाइल्ड पीजीआइ

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