होम्योपैथी के जरिये मधुमेह के इलाज पर चर्चा

सेक्टर-24 स्थित डॉ. डीपी रस्तोगी केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान संस्थान में सोमवार से दो दिवसीय Þमधुमेह रोग एवं होम्योपैथी विषय पर हिन्दी कार्यशालाÞ का आगाज हुआ। जिसमे वरिष्ठ होम्योपैथिक डॉक्टरों ने होम्योपैथिक दवाओं के जरिए मधुमेह को काबू करने पर विचार-विर्मश किया की।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 Dec 2018 08:46 PM (IST) Updated:Mon, 17 Dec 2018 08:46 PM (IST)
होम्योपैथी के जरिये मधुमेह के इलाज पर चर्चा
होम्योपैथी के जरिये मधुमेह के इलाज पर चर्चा

जागरण संवाददाता, नोएडा :

सेक्टर-24 स्थित डॉ. डीपी रस्तोगी केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान संस्थान में सोमवार को दो दिवसीय मधुमेह रोग एवं होम्योपैथी विषय पर हिन्दी कार्यशाला का आगाज हुआ।

कार्यशाला का शुभारंभ केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ आरके मनचंदा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्होंने बताया ¨हदी भारत में सर्वाधिक उपयोग में आने वाली भाषा है। इसलिए मरीजों की सहूलियत को देखते हुए डॉक्टरों को भी उनके साथ हिन्दी में संवाद करना चाहिए। कार्यशाला में संस्थान के प्रभारी अधिकारी डॉ. बीएस आर्या ने ¨हदी के महत्व को बताया। उन्होंने कहा विकसित देशों ने अपनी मातृ भाषा को बचा के रखा है। इसीलिए हमें भी हिन्दी में काम करने पर गर्व महसूस करना चाहिए। कार्यशाला में मधुमेह के कारण, लक्षण एवं होम्योपैथी में इसके उपचार को लेकर भी चर्चा हुई। कार्यशाला में मौजूद होम्योपैथी विशेषज्ञ डॉक्टरों ने बताया देश में मधुमेह के रोगियों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। चिकित्सकों ने बताया कि मधुमेह जीवनशैली पर आधारित एक समस्या है, लेकिन नियमित व्यायाम, खान पर लगाम व दिनचर्या में बदलाव करके इसे काबू में किया जा सकता है। इस मौके पर आरके शर्मा, डॉ. सुभाष कौशिक, डॉ. प्रवीण ओबरॉय, वैज्ञानिक डॉ. अनिल खुराना, उप महानिदेशक, केंद्रीय होमियोपैथी अनुसन्धान परिषद, जिया गिल, डॉ. सचिन गोयल मौजूद रहे।

chat bot
आपका साथी