एंबुलेंस से पहुंचा शव, श्मशानघाट के कर्मचारी ने जलाई चिता

जेएनएन मुजफ्फरनगर। कोरोना महामारी ने परिवारों के बीच अधिक दूरी बढ़ानी शुरू कर दी है। श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार को पहुंच रहे शव इस बात की गवाही दे रहे हैं। कोविड से मौत होने पर मृतक का जनाजा एंबुलेंस से श्मशान घाट पहुंच रहा है। गनीमत है अधिकतर शवों के साथ एक-दो स्वजन अंतिम संस्कार की प्रक्रिया का धर्म निभा रहे हैं लेकिन ऐसे शव भी कम नहीं हैं जिन्हें हाथ लगाने से ही उनके अपने दूर भाग रहे हैं जिस कारण श्मशान घाट पर तैनात कर्मचारी ही ऐसे शवों की लिखा-पढ़ी कर उनकी चिताएं जलाकर शवों को मोक्ष की प्राप्ति दिलाने के प्रयास में हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 10:32 PM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 10:32 PM (IST)
एंबुलेंस से पहुंचा शव, श्मशानघाट के कर्मचारी ने जलाई चिता
एंबुलेंस से पहुंचा शव, श्मशानघाट के कर्मचारी ने जलाई चिता

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। कोरोना महामारी ने परिवारों के बीच अधिक दूरी बढ़ानी शुरू कर दी है। श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार को पहुंच रहे शव इस बात की गवाही दे रहे हैं। कोविड से मौत होने पर मृतक का जनाजा एंबुलेंस से श्मशान घाट पहुंच रहा है। गनीमत है अधिकतर शवों के साथ एक-दो स्वजन अंतिम संस्कार की प्रक्रिया का धर्म निभा रहे हैं, लेकिन ऐसे शव भी कम नहीं हैं, जिन्हें हाथ लगाने से ही उनके अपने दूर भाग रहे हैं, जिस कारण श्मशान घाट पर तैनात कर्मचारी ही ऐसे शवों की लिखा-पढ़ी कर उनकी चिताएं जलाकर शवों को मोक्ष की प्राप्ति दिलाने के प्रयास में हैं। शहर के श्मशान घाटों पर पहुंचने वाले शवों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। प्रतिदिन शहर और नई मंडी श्मशान घाट पर 30 से अधिक चिताएं जल रही हैं, जो इस बात की गवाही दे रही है कि जिले में कोविड से होने वाली मौत कम नहीं हो रही है। कोरोना से मौत के बाद कई शवों की बेकदरी भी स्वजन के दूर भागने से हो रही है। मंगलवार को शहर के काली नदी श्मशान घाट पर रामपुरम निवासी अनुज कुमार का शव एंबुलेंस का ड्राइवर लेकर पहुंचा। चालीस वर्षीय मृतक अनुज कुमार का इलाज पानीपत के प्राइम हास्पिटल में चल रहा था, जहां उनकी मौत हो गई। मौत के बाद उनका शव एंबुलेंस में रखवाकर सीधा काली नदी श्मशान घाट भेजा गया, जहां चिकित्सक का पर्चा देखने के बाद श्मशान घाट पर बिना स्वजन के ही शव का अंतिम संस्कार हुआ। शव के स्वजन व अन्य परिचित कोई भी उनकी अंतिम क्रिया के लिए नहीं आए। शवों का अंतिम संस्कार कर रहे श्मशान घाट के कर्मचारी

कोविड के ग्रस्त मरीजों की मौत होने पर दिनभर कई शव श्मशान घाट पर पहुंच रहे हैं। इनमे कुछ शव अकेले ही पहुंचते हैं। इन शवों का अंतिम संस्कार वहां तैनात कर्मचारी अनिल, ओमनाथ, राजेंद्र शर्मा, नीटू व शहजाद आदि कर रहे हैं। वहीं जिन शवों के साथ एक या दो स्वजन पहुंचते हैं। उनकी लकड़ी लगाने से लेकर अन्य काम भी यही कर्मचारी कर रहे हैं।

मौत से खेल रहे कर्मचारी का नहीं हुआ वैक्सीनेशन

श्मशान घाटों पर चिताएं जलवाने में मदद करने वाले कर्मचारी वैक्सीनेशन को तरस रहे हैं। काली नदी श्मशान घाट के अध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि उनके कर्मचारी शवों का अंतिम संस्कार करा रहे हैं, लेकिन उनको वैक्सीन नहीं लग पाई है, जबकि सीएमओ को प्रार्थना-पत्र भी दिया जा चुका है।

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