बेवफाई और धोखे का बदला लेने को दोस्त की हत्या

मुरादाबाद : डिलारी पुलिस ने क्षेत्र के गाव गोविंदपुर निवासी फर्मकर्मी का अपहरण कर हत्या कर

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Dec 2017 02:35 AM (IST) Updated:Fri, 15 Dec 2017 02:35 AM (IST)
बेवफाई और धोखे का बदला लेने को दोस्त की हत्या
बेवफाई और धोखे का बदला लेने को दोस्त की हत्या

मुरादाबाद :

डिलारी पुलिस ने क्षेत्र के गाव गोविंदपुर निवासी फर्मकर्मी का अपहरण कर हत्या करने के मामले का पर्दाफाश किया है। उसे दोस्तों ने ही झरने में डुबोकर मार दिया था। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार मृतक की बाइक और मोबाइल बरामद कर लिए हैं। हालांकि अभी फर्मकर्मी का शव नहीं मिला है।

वेदपाल काशीपुर की टेक्सटाइल मिल में काम करता था। वहीं पर लक्ष्मीपुर कट्टई में कमरा किराए पर लेकर रह रहा था। कई दिनों से उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिलने पर 24 अक्टूबर को वेदपाल के भाई शीशपाल ने डिलारी थाना में गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस ने जांच के बाद अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कर ली। जांच में पता चला कि काशीपुर की आइपीसी फैक्ट्री में काम करने वाले नितेश उर्फ निक्की और राजवीर साथ ही रहते थे। 16 सितंबर को वेदपाल की बाइक हड़पने की नीयत से राजवीर उसे अपनी ससुराल मुक्तेश्वर ले गया। उनके साथ नितेश और हरीश भी थे। तीनों ने मिलकर झरने में नहाते समय डुबोकर वेदपाल की हत्या कर दी और शव को धारा में बहा दिया। पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर राजवीर पुत्र सरजीत सिंह निवासी किशनपुर गांवड़ी थाना ठाकुरद्वारा और नितेश पुत्र हरपाल सिंह निवासी रामपुर घोघर थाना ठाकुरद्वारा को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से वेदपाल की डिस्कवर बाइक और मोबाइल भी बरामद हुआ। दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उनके साथ हत्या में शामिल हरीश फरार है। एसपी देहात उदय शंकर सिंह ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि 28 सितंबर को थाना धारी जनपद नैनीताल में नदी से एक अज्ञात शव बरामद हुआ था। जिसकी शिनाख्त अभी तक नहीं हो पाई है। वेदपाल के परिजन उसकी शिनाख्त के लिए नैनीताल भेजे गए हैं। यह शव वेदपाल का ही हो सकता है। दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया।

महिला को फंसाने के लिए रची थी हत्या की साजिश

-राजवीर की जमीन बिकवा कर रुपये हड़पने के बाद हो गई थी फरार

-वेदपाल और अन्य लोगों से भी था महिला का चक्कर

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : राजवीर काशीपुर की फैक्ट्री में काम करता था। काशीपुर में रहने के दौरान उसके संबंध एक महिला से हो गए थे। उसका घर आना जाना भी शुरू हो गया। इसी बीच राजवीर के भाई से भी उस महिला ने दोस्ती कर ली। इन दोनों को काशीपुर में मकान लेने और वहीं कारोबार करने का झांसा देकर उनकी दो एकड़ जमीन बिकवा दी। जमीन बेचकर मिले 12 लाख रुपये से उन्हें काशीपुर में ढाई लाख रुपये का मकान दिला दिया। बाकी के रुपये हड़पकर फरार हो गई। इसके बाद पता चला कि वह थाना भगतपुर के गांव रोशनपुर निवासी दिलशाद के साथ रहने लगी है। वह उससे रुपये मांगने लगे, लेकिन उसने रुपये नहीं लौटाए। इस बीच वह काशीपुर भी आती-जाती रहती थी। उसकी जान-पहचान वेदपाल और नितेश से भी हो गई। वेदपाल की शादी नहीं हुई थी तो कुछ दिन उसके भी साथ रही थी। रुपये नहीं मिलने के बाद राजवीर ने उसे फंसाने के लिए साजिश रची। इसके बाद उसने वेदपाल की अपनी ससुराल ले जाकर हत्या कर दी। पुलिस को उस पर शक हुआ तो राजवीर ने सारी कहानी महिला और उसके प्रेमी दिलशाद की ओर घुमा दी। पुलिस उसी थ्योरी पर काम करने लगी, लेकिन उनकी इस केस में कोई भूमिका नहीं निकली। इस दौरान मुखबिर ने बताया कि राजवीर वेदपाल की बाइक पर घूम रहा है। इसके बाद राजवीर को गिरफ्तार कर कड़ाई से पूछताछ हुई तो हत्या का पर्दाफाश हुआ। हालांकि आरोपी वेदपाल की बाइक हड़पने के लिए उसकी हत्या करने की बात कह रहे हैं।

वेदपाल का नहीं था कोई दोष

-प्यार, पैसा और धोखे की इस कहानी में वेदपाल का कोई संबंध नहीं था। उसका दोष इतना ही था कि राजवीर के रुपये हड़पने वाली महिला ने उसके कमरे पर आना जाना शुरू कर दिया था। इसी कारण राजवीर ने उसकी हत्या कर महिला को फंसाने की साजिश रच डाली। एसओ शरद मलिक ने बताया कि कड़ी पूछताछ में आरोपियों ने अपहरण कर वेदपाल की हत्या करना कबूला है। मृतक के चार भाई कसपाल, बृह्मापाल, शशिपाल, समर सिंह, बाप नेपाल सिंह का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। मां कांता अचेत हो गई।

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