पर्व मकर संक्रांति का करा रहा यह भान, जिससे जो भी बन पड़े करे प्रेम से दान Moradabad News

मुरादाबाद। राष्ट्रभाषा ङ्क्षहदी प्रचार समिति द्वारा आयोजित काव्य गोष्ठी में साहित्यकारों ने रचनाओं के माध्यम से मकर संक्रांति की महत्ता बताई सामाजिक विसंगतियों पर प्रहार किया।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Wed, 15 Jan 2020 04:05 PM (IST) Updated:Wed, 15 Jan 2020 04:05 PM (IST)
पर्व मकर संक्रांति का करा रहा यह भान, जिससे जो भी बन पड़े करे प्रेम से दान Moradabad News
पर्व मकर संक्रांति का करा रहा यह भान, जिससे जो भी बन पड़े करे प्रेम से दान Moradabad News

मुरादाबाद जेएनएन। राष्ट्रभाषा ङ्क्षहदी प्रचार समिति द्वारा आयोजित काव्य गोष्ठी में साहित्यकारों ने रचनाओं के माध्यम से मकर संक्रांति पर्व की महत्ता बताई, वहीं सामाजिक विसंगतियों पर प्रहार किया। 

अन्याय से लडऩे वाला, सबके भीतर कोई है, इसीलिए यह बिल्कुल सच है, मेरा मन विद्रोही है

मंगलवार को विश्नोई धर्मशाला में आयोजित गोष्ठी में मकर संक्रांति पर्व पर दान की महत्ता बताते हुए राजीव प्रखर ने कहा पर्व मकर संक्रांति का, करा रहा यह भान, जिससे जो भी बन पड़े करे प्रेम से दान। अशोक विद्रोही ने कहा कि अन्याय से लडऩे वाला, सबके भीतर कोई है, इसीलिए यह बिल्कुल सच है, मेरा मन विद्रोही है। योगेन्द्र वर्मा व्योम की इन पंक्तियों को सभी ने सराहा। छटा कुहासा मौन का, निखरा मन का रूप। रिश्तों में जब खिल उठी, अपनेपन की धूप।

जरा देखिए तो सही, इनके उल्टे ढंग सीएए पर बेवजह छेड़ रहे हैं जंग

सीएए के विरोध पर रघुराज सिंह निश्चल ने कहा जरा देखिए तो सही, इनके उल्टे ढंग सीएए पर बेवजह छेड़ रहे हैं जंग। डॉ. मनोज रस्तोगी ने कहा कि सूरज की पहली किरण, उतरी जब छज्जे पर। आंगन का सूनापन उजलाया।

काव्य गोष्ठी में यह- यह साहित्यकार रहे उपस्थित

इस अवसर पर जयप्रकाश विश्नोई, चिंतामणि शर्मा, शिशुपाल मधुकर, अभिषेक रुहेला, शायर मुरादाबादी, मनोज मनु, मयंक शर्मा, सरफ राज, विवेक निर्मल, डॉ. प्रेमवती उपाध्याय, अशोक विश्नोई, रामेश्वर वशिष्ठ, योगेन्द्र पाल सिंह विश्नोई, अचल दीक्षित समेत तमाम साहित्यकार मौजूद रहे। अध्यक्षता योगेन्द्र पाल सिंह विश्नोई ने की। 

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