दारोगा का बेटा ही था सीटेट का मास्टरमाइंड, बिहार से आए थे सॉल्वर Moradabad news
एसटीएफ बरेली की टीम ने ही मझोला के डी-30 कांशीराम कालोनी निवासी सचिन राणा समेत छह लोगों को उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटेट) के दिन 18 नवंबर 2018 में पकड़ा था।
मुरादाबाद, जेएनएन। सॉल्वर गिरोह के सरगना सचिन राणा के पिता पुलिस विभाग में दारोगा हैैं। स्नातक करने के बाद सचिन कानपुर के कल्यानपुर में कोचिंग सेंटर चलाने वाले एक व्यक्ति के संपर्क में आ गया था। मुरादाबाद में कोचिंग चलाने के दौरान उसकी उस व्यक्ति से जान-पहचान हुई थी। कोचिंग संचालक ने ही बिहार के युवकों को विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी करने वाले सॉल्वर के तौर पर तैयार किया। इसके बाद ही सचिन ने मुरादाबाद और आसपास के युवकों से सीटेट पास करने के लिए सौदा कर लिया।
पहले भी पकड़ा जा चुका है सचिन राणा
एसटीएफ बरेली की टीम ने ही मझोला के डी-30, कांशीराम कालोनी निवासी सचिन राणा समेत छह लोगों को उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटेट) के दिन 18 नवंबर 2018 में पकड़ा था। इनमें विपिन कुमार निवासी डिबुआपुर, निवासी जनपद जालौन, जितेंद्र सैनी निवासी लोदीपुर, थाना मझोला, सौरभ अस्थाना निवासी आवास विकास कल्यानपुर, कानुपर, मिथलेश निवासी कैराकादू, थाना गिदौर, जिला जमुही, बिहार, इसी जिले के राहनन निवासी सिप्पू उर्फ सिरदारी को गिरफ्तार करके जेल भिजवा दिया था। बाद में राजकुमार कश्यप निवासी हाकमपुर, थाना हसनपुर, अमरोहा को भी पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भिजवाया था। छह महीने बाद हाईकोर्ट से सचिन को जमानत मिली थी। राजकुमार भी तीन महीने में जमानत पर छूटा था। लेकिन, इसके बाद भी सचिन सक्रिय रहा। तीन महीने पहले सीटेट के लिए बेरोजगार युवकों ने आवेदन किए तो उसने अपना नेटवर्क बना लिया। अपने गुर्गों की मदद से उसने परीक्षा देने वालों से सौदेबाजी की। इसके बाद सॉल्वर बुला लिए। एसटीएफ तभी से सचिन की गतिविधि पर नजर रखे थी। सचिन का अपना कोई कारोबार नहीं है। लेकिन, लग्जरी कार में घूमता है। रविवार को रात को बिहार के छह सॉल्वर जैसे ही मुरादाबाद पहुंचे वह उन्हें रिसीव करने पहुंच गया। उसने जिस सेंटर में परीक्षा दिलानी थी सॉल्वरों को उसके पास ही होटल में ठहरा दिया। वह सुबह से ही सबके संपर्क में था। सबको जल्द जगाने के बाद परीक्षा देने के लिए केंद्रों पर भेजा। फर्जी परिचय पत्र उसने सभी को सवेरे ही दिए, लेकिन एसटीएफ ने उनका नेटवर्क तोड़ दिया। हालांकि वह एसटीएफ को चकमा देकर निकल गया।
चंद मिनट पहले ही ङ्क्षहदू कॉलेज से निकला था सचिन
एसटीएफ द्वारा पकड़े गए लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक सॉल्वर गिरोह का मास्टर माइंड सचिन राणा उनके पहुंचने से थोड़ी देर पहले ही ङ्क्षहदू कॉलेज के सामने से निकला था। वह दूसरे सॉल्वरों को छोडऩे के लिए गया था। उसके साथ में वह युवक भी थे, जिनके स्थान पर सॉल्वर परीक्षा दे रहे थे। एसटीएफ ने बाद में उसकी काफी तलाश की। लेकिन, पकड़ में नहीं आ पाया।
आवेदन पर धुंधला फोटो लगवाता था मास्टर माइंड
सचिन परीक्षा से तीन महीने पहले ही तैयारी शुरू कर देता था। जिन लोगों से उसका परीक्षा पास कराने का सौदा हो जाता था, उनके लिए सॉल्वर की तलाश करके उनका फर्जी पैन कार्ड, पहचान पत्र भी बनवाता था। शुरूआत आवेदन से ही करा देता था। आवेदन पत्र पर धुंधला फोटो लगवाता था। इसी का फायदा उठाकर सॉल्वर अपना फोटो लगा प्रवेश पत्र लेकर केंद्रों पर पहुंच जाते हैैं।
हसनपुर की तरफ भागा है सचिन
एसटीएफ की तहरीर पर मुरादाबाद पुलिस ने कटघर, पाकबड़ा, सिविल लाइंस और कोतवाली थानों में सीटेट में सेंध लगाने वाले सोलह लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए। सूत्रों का कहना है कि दारोगा का बेटा और इस गिरोह का मास्टर माइंड सचिन राणा हसनपुर की तरफ भागा है। पुलिस अब सचिन और अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी करने के लिए लगी हुई है।
कार से लेकर आया था नाजिम
ठाकुरद्वारा के सुंदरनगर के रहने वाले ताहिर हुसैन का बेटा नाजिम भी बेहद शातिर है। एसटीएफ के मुताबिक आरोपित कार लेकर आया था। वह भी सचिन के साथ सॉल्वरों को इधर से उधर करने में लगा हुआ था। सचिन के साथ रहकर ही उसने मोटी रकम कमाई है। पुलिस के आला अधिकारियों का कहना है कि सॉल्वर गिरोह चलाकर मोटी रकम कमाने वालों की संपत्ति की जांच कराई जाएगी। इस धंधे में लिप्त रहकर उन्होंने संपत्ति बनाई है तो उसको जब्त कराने के लिए कार्रवाई कराएंगे।