नवाब खानदान की चल संपत्ति 64 करोड़ से ज्यादा, इमारतों के बाद अब आंकी जा रही जमीन की कीमत

Nawab family property valuation कोठी लक्खी बाग में लगे एक लाख पेड़। इसीलिए नाम भी रखा गया लक्खी। सौ साल पुरानी इमारतों की कीमत रह गई मात्र तीस करोड़।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sat, 19 Sep 2020 10:25 AM (IST) Updated:Sat, 19 Sep 2020 10:25 AM (IST)
नवाब खानदान की चल संपत्ति 64 करोड़ से ज्यादा, इमारतों के बाद अब आंकी जा रही जमीन की कीमत
नवाब खानदान की चल संपत्ति 64 करोड़ से ज्यादा, इमारतों के बाद अब आंकी जा रही जमीन की कीमत

रामपुर (मुस्लेमीन)। आजादी से पहले रामपुर में नवाबों का राज था। उनकी अपनी पुलिस-फौज थी, अपना कानून और अपनी अदालतें, यानी सबकुछ अपना था। उनके आलीशान महल थे। सोने के बर्तनों में खाते थे और चांदी के पलंग पर सोते थेे। उनका अपना रेलवे स्टेशन भी था और अपने सैलून में ही ट्रेन का सफर करते थे। अब उनकी सारी संपत्ति का बंटवारा हो रहा है। इमारतों का मूल्यांकन हो चुका है, जमीन और पेड़ों की कीमत आंकी जा रही है।

देश 1947 में आजाद हो गया। लेकिन, रामपुर के नवाब दो साल बाद तक राज करते रहे। रामपुर में 1774 से 1949 तक नवाबों का राज रहा। इस दौरान नवाबों ने रामपुर में बड़े-बड़े बाग लगवाए और इनके बीच में आलीशान इमारतें बनवाईं। लक्खी बाग में एक लाख पेड़ लगवाए। इसीलिए इसका नाम कोठी लक्की बाग रखा गया। खासबाग में भी एक लाख से ज्यादा पेड़ लगवाए। इसमें खास किस्म के पौधे लगे। इसलिए इसका नाम खास बाग रखा। रामपुर में नवाबों की हजारो करोड़ की संपत्ति है। उनके पास हथियारों का जखीरा भी है, जिसमें करीब एक हजार हथियार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नवाब खानदान की सारी संपत्ति का बंटवारा शरीयत के हिसाब से करने के आदेश दिए थे। बंटवारे की जिम्मेदारी जिला जज को सौंपी गई है। उन्होनें संपत्ति के सर्वे और मूल्यांकन के लिए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किए हैं, जो अदालत में रिपोर्ट पेश कर रहे हैं। अब तक चल संपत्ति और इमारतों का सर्वे हो चुका है। चल संपत्ति 64 करोड़ से ज्यादा की आंकी गई है। इमारतें आलीशान हैं, लेकिन सौ साल पुरानी हैं और इस्तेमाल करने लायक भी नहीं हैं। इस कारण इनकी कीमत भी बहुत कम आंकी गई है। कोठी खास बाग की कीमत 27 करोड़ 42 लाख आंकी है, जबकि सरकारी मानक के अनुसार ही ऐसी नई इमारत बनाने में 121 करोड़ से ज्यादा खर्च होंगे। कोठी की तरह सजावट का अन्य सामान अलग से लगेगा।

आंकी गई कीमतों पर एक नजर

कोठी लक्खी बाग की कीमत 156.40 लाख, बेनजीर की 22.70 लाख, नवाब रेलवे स्टेशन की 18.50 लाख और कुंडा की कीमत 5.80 लाख आंकी है।

मूल्यांकन शीघ्र पूरा करने के आदेश

अब जमीन और बागों में लगे पेड़ों की कीमत का आंकलन होना है। पेड़ों की गिनती और मूल्यांकन के लिए अदालत ने जिला वन अधिकारी को आदेश दिए हैं। इसके लिए वन विभाग की दो टीमें भी बन गई हैं और पेेड़ों की गिनती का काम शुरू हो गया है। नवाब खानदान की 1073 एकड़ जमीन है। इसका भी सर्वे और मूल्यांकन का काम चल रहा है। कोठी खास बाग सिविल लाइंस क्षेत्र में है। इसका रकबा करीब 450 एकड़ है, इस कारण इसकी जमीन की कीमत भी अरबों में है। कुल मिलाकर नवाबों की संपत्ति कई हजार करोड़ की बताई जा रही है। एडवोकेट कमिश्नर अरुण प्रकाश सक्सैना का कहना है कि अदालत ने पेड़ों का मूल्यांकन कार्य शीघ्र पूरा करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही जमीन में जो फसल लगी है, उसकी कीमत का आंकलन करने के लिए जिला कृषि अधिकारी को आदेश दिए हैं।

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