तो क्या राज्यसभा की सदस्यता छोड़ेंगी आजम खां की पत्नी डॉ. तजीन फात्मा Rampur News

डॉ. तजीन फात्मा के लिए खरीदा गया नामांकन का पर्चा। सपा की ओर से अभी तय नहीं किया गया कोई भी उम्मीदवार।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sat, 28 Sep 2019 01:05 AM (IST) Updated:Sat, 28 Sep 2019 09:05 AM (IST)
तो क्या राज्यसभा की सदस्यता छोड़ेंगी आजम खां की पत्नी डॉ. तजीन फात्मा Rampur News
तो क्या राज्यसभा की सदस्यता छोड़ेंगी आजम खां की पत्नी डॉ. तजीन फात्मा Rampur News

रामपुर (मुस्लेमीन)। विधानसभा उपचुनाव के लिए शुक्रवार को सांसद आजम खां की पत्नी राज्यसभा सदस्य डॉ. तजीन फात्मा के लिए नामांकन पर्चा खरीदा गया है। हालांकि अभी समाजवादी पार्टी की ओर से किसी उम्मीदवार की घोषणा नहीं हुई है लेकिन तजीन के पर्चा खरीदने से कयास लगाए जा रहे हैं कि वह चुनाव लड़ेंगी। दरअसल, रामपुर की सीट आजम खां के सांसद बनने से खाली हुई है लेकिन, वह इस पर अपना कब्जा बनाए रखना चाहते हैं। साथ ही तजीन की राज्यसभा सदस्यता में भी अब एक साल का समय शेष है। ऐसे में यदि तजीन उपचुनाव लड़ती हैं और जीत जाती हैं तो उन्हें राज्यसभा की सदस्यता छोडऩी होगी। 

आजम खां रामपुर शहर से नौ बार विधायक रहे हैं। चुनाव भी वह भारी मतों के अंतर से जीतते रहे। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्हें एक लाख दो हजार वोट मिले थे, जबकि मुकाबले में रहे भाजपा प्रत्याशी शिव बहादुर सक्सेना को 56 हजार मत ही मिल सके थे। इस बार आजम पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े और सांसद बन गए। इसमें उन्हें रामपुर विधानसभा क्षेत्र से ही एक लाख 16 हजार वोट मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी रहीं जयाप्रदा 76 हजार वोट ही प्राप्त कर सकीं। सांसद बनने के बाद उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा तो दे दिया लेकिन, वह इस सीट पर कब्जा बरकरार रखना चाहते हैं। उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा अब विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं। उनके लिए पर्चा भी खरीद लिया गया है। अगर वह उपचुनाव जीतती हैं तो राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना होगा। उनका राज्यसभा का कार्यकाल भी नवंबर 2020 तक है।   

कई लोगों ने पर्चा खरीदा है लेकिन, अभी यह तय नहीं है कि चुनाव कौन लड़ेगा? उम्मीदवार को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं से मशवरा किया जा रहा है। जैसी वे राय देंगे उसी के मुताबिक उम्मीदवार तय किया जाएगा। 

अब्दुल्ला, सपा विधायक और सांसद आजम के बेटे 

दिलचस्प होगा मुकाबला

आजम खां की पत्नी तजीन फात्मा के लिए पर्चा खरीदे जाने से चुनाव में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। पांच माह पहले हुए लोकसभा चुनाव में भी रामपुर सुर्खियों में रहा था। उस चुनाव में आजम के मुकाबले भाजपा की जयाप्रदा थीं। दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ जमकर सियासी तीर चलाए थे। आजम के खिलाफ तो आचार संहिता उल्लंघन और आपत्तिजनक भाषण देने में 15 मुकदमे लिखे गए। जयाप्रदा के खिलाफ भी चार मुकदमे हुए और इन सभी में चार्जशीट भी लग चुकी है। चुनाव के दौरान आजम खां पर दो बार पाबंदी भी लगी लेकिन, अब आजम रामपुर से ही बाहर हैं। उनके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हुए हैं। उपचुनाव में भी भाजपा से जयाप्रदा का नाम चर्चा में है। अगर ऐसा हुआ तो मुकाबला दिलचस्प होगा और रामपुर मीडिया की सुर्खियों में रहेगा।   

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