Scam : मुरादाबाद में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों के खाते से निकले 38 लाख, एडी बेसिक ने शुरू की जांच
Moradabad Kasturba Gandhi Residential Schools Scam News कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में कोरोना काल में छात्राएं आई नहीं और खातों से रुपये निकाल लिए गए। प्रदेश के 18 जिलों में मुरादाबाद मंडल के दो जिले भी शामिल हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। Moradabad Kasturba Gandhi Residential Schools Scam News : कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में कोरोना काल में छात्राएं आई नहीं और खातों से रुपये निकाल लिए गए। प्रदेश के 18 जिलों में मुरादाबाद मंडल के दो जिले भी शामिल हैं। मुरादाबाद व बिजनौर जिले का मामला सामने आने पर राज्य परियोजना निदेशक के आदेश पर इस घोटाले की जांच एडी बेसिक संजय रस्तोगी ने शुरू कर दी है।
प्रदेश के 18 जिलों में भोजन, दवा व स्टेशनरी की खरीदारी को आवासीय विद्यालयों के लिए सरकार धनराशि आवंटित करती है। जिसमें प्रदेश के 18 जिलों में नौ करोड़ रुपये निकालने का मामला सामने आया है, जिसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग में हलचल मची हुई है। अब बेसिक शिक्षा के अफसर सफाई दे रहे हैं कि छात्रों की उपस्थिति व खर्च का ब्योरा प्रेरणा एप पर चढ़ने से रह गया था तभी कोरोना की दूसरी लहर के कारण स्टाफ प्रभावित होने के चलते अपलोड नहीं हो पाया है।
लेकिन सामान मार्च में खरीदा गया था,तब कोरोना की दूसरी लहर नहीं थी। फिर इसे अपलोड करने में लापरवाही क्यों हुई। वर्क फ्राम होम में भी प्रेरणा एप पर कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की छात्राओं की उपस्थिति व सामान खरीदने व उपभोग का ब्योरा अपलाेड किया जा सकता था। मंडल के दो जनपद मुरादाबाद व बिजनौर में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की जांच एडी बेसिक करने में जुट गए हैं।
गुरुवार को एडी बेसिक बिजनौर के कीरतपुर, देवमल समेत तीन कस्तूरबा गांधी विद्यालयों की जांच की। इसमें सामान खरीदने के बाद पोर्टल पर अपलोड करने में लापरवाही बताई जा रही है। सवाल यह है कि जब कस्तूरबा आवासीय विद्यालय बंद थे तो इतनी मोटी खाते से निकालकर भोजन, दवा और स्टेशनरी का उपभोग कैसे दिखाया गया है।
इस मामले की जांच एडी बेसिक कर रहे हैं। उनकी जांच के बाद ही कुछ स्पष्ट होगा। जांच रिपोर्ट सामने आने से पहले कुछ भी कहना ठीक नहीं।योगेंद्र कुमार, बीएसए
बिजनौर जिले की जांच शुरू कर दी है। मुरादाबाद में इसके बाद करेंगे। बहरहाल गड़बड़ी की आशंका कम है। विभागीय चूक के कारण खर्च व छात्राओं की उपस्थिति का ब्योरा अपलोड नहीं हो पाया है। संजय रस्तोगी, एडी बेसिक