Pollution on Diwali : हरित पटाखों की अनदेखी से अमरोहा के गजरौला में भी बढ़ा प्रदूषण का ग्राफ

Pollution on Diwali सुप्रीम कोर्ट व शासन के आदेश के बाद भी अमरोहा की औद्योगिक नगरी में अधिक प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों की बिक्री धड़ल्ले के साथ हुई। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा अब शहर की निगरानी शुरू करवा दी गई है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sat, 06 Nov 2021 02:38 PM (IST) Updated:Sat, 06 Nov 2021 02:38 PM (IST)
Pollution on Diwali : हरित पटाखों की अनदेखी से अमरोहा के गजरौला में भी बढ़ा प्रदूषण का ग्राफ
औद्योगिक क्षेत्र में कम, आवासीय इलाकों में अधिक छोड़ी गई आतिशबाजी।

मुरादाबाद जागरण संवाददाता। Pollution on Diwali : सुप्रीम कोर्ट व शासन के आदेश के बाद भी अमरोहा की औद्योगिक नगरी में अधिक प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों की बिक्री धड़ल्ले के साथ हुई। यही वजह है कि इस बार भी दीवाली पर छोड़ी बेहिसाब आतिशबाजी से गजरौला का वातावरण इतना प्रदूषित हुआ कि वह खतरे की श्रेणी में पहुंच गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा अब शहर की निगरानी शुरू करवा दी गई है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा गजरौला में दो हिस्सों पर प्रदूषण की जांच की जाती है। एक औद्योगिक क्षेत्र तो दूसरा आवासीय इलाका यानी इंदिरा चौक। यहां पर औद्योगिक इकाइयां होने की वजह से प्रदूषण का खतरा बना रहता है। यही वजह है कि पिछले साल एनजीटी द्वारा आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाने पर पटाखा बाजार नहीं लगा था। लेकिन, इस बार पटाखा बाजार को शर्तों के साथ लगाने के आदेश हुए। सुप्रीम कोर्ट व शासन ने आदेश जारी किया था कि प्रदेश भर में हरित पटाखों की बिक्री होगी। जिससे कम प्रदूषण फैलता है। लेकिन, गजरौला में ऐसा नहीं हुआ। यहां पर अधिक प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों की ब्रिकी धड़ल्ले के साथ हुई। जिससे प्रदूषण का ग्राफ बढ़ गया। प्रदूषण विभाग के मुताबिक आम दिनाें में औद्योगिक क्षेत्र में प्रदूषण की स्थित 125 एक्यूआइ रहती थी। जो दिवाली की रात 326 पहुंच गई। ऐसे ही आवासीय क्षेत्र में 110 से गंभीर श्रेणी 422 एक्यूआइ तक पहुंच गया। प्रदूषण तीन गुना तक बढ़ गया है। जो लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहा है। ऐसी स्थिति में सांस लेना काफी मुश्किल हो गया।

प्रदूषण का स्तर 400 एक्यूआइ से भी ज्यादा बढ़ने पर गंभीर श्रेणी में पहुंच जाता है। इस बार औद्योगिक क्षेत्र में कम तो आवासीय इलाकों में अधिक आतिशबाजी छोड़ी गई है। दाे-तीन दिन में सबकुछ सामान्य हो जाएगा। प्रदूषण की निगरानी शुरू करवा दी गई है।

अनिल शर्मा, सहायक पर्यावरण अभियंता, गजराैला।

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