Moradabad Voting: मैदान में भाजपा-सपा, बसपा समेत 12 प्रत्याशी, बेफिक्र निकलें... शाम छह बजे तक बूथ करेंगे इंतजार

कई दिन से चल रही ‘जुबानी जंग’ के बीच मुकाबले का आखिरी रण आज सजेगा। जिस पार्टी और प्रत्याशी के पक्ष में जितनी ‘वोटरसेना’ जुटेगी वही नतीजों के दिन बनेगा राजनीति का सिकंदर..। खैर यह तो रही सियासी बात। आम आंखों से देखें तो जनता के लिए लोकसभा चुनाव का यह अवसर लोकतंत्र के भव्य उत्सव उल्लास का है। एक शब्द में बांधे तो लोकोत्सव से कमतर बिल्कुल नहीं है।

By Jagran NewsEdited By: Aysha Sheikh Publish:Fri, 19 Apr 2024 07:10 AM (IST) Updated:Fri, 19 Apr 2024 07:10 AM (IST)
Moradabad Voting: मैदान में भाजपा-सपा, बसपा समेत 12 प्रत्याशी, बेफिक्र निकलें... शाम छह बजे तक बूथ करेंगे इंतजार
Moradabad Voting: मैदान में भाजपा-सपा, बसपा समेत 12 प्रत्याशी, बेफिक्र निकलें... शाम छह बजे तक बूथ करेंगे इंतजार

जय प्रकाश पांडेय, मुरादाबाद। देखिए, चुनावी महासमर का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पड़ाव सामने आ खड़ा हुआ है। यह पड़ाव है मतदान का, और यकीनन अब बारी है आपकी। लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में बरेली-मुरादाबाद मंडल की तीन लोकसभा सीटों के लिए शुक्रवार को मतदान होना है। इसके नायक आप हैं।

पीलीभीत, रामपुर और मुरादाबाद संसदीय सीटों पर अपना प्रत्याशी चुनने के लिए आज सभी दूसरे कारणों और झमेलों को परे झटक देने की आवश्यकता है। सब काम छोड़कर सबसे पहले एक काम, करें मतदान।

बहुत आम बात है कि जब किसी चर्चा के बीच कुछ लोग सरकार को घेरने लगते हैं, जनप्रतिनिधियों पर प्रश्न खड़े करने लगते हैं। ठीक है, ऐसा होना भी चाहिए क्योंकि यह आपका लोकतांत्रिक अधिकार है लेकिन, ध्यान रहे कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में ऐसा करने का नैतिक अधिकार तभी है, जब आपने मतदान किया हो।

बिना मतदान किए किसी सरकार, प्रत्याशी अथवा जनप्रतिनिधि को कठघरे में खड़ा करने का कोई नैतिक अधिकार किसी को नहीं। यह भी ध्यान रहे कि अपना वोट डालकर ही आप योग्य प्रत्याशी को लोकसभा में भेजने में सहायक हो सकते हैं।

सन 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के आंकड़ों की बात करें तो पीलीभीत संसदीय क्षेत्र में 67, मुरादाबाद संसदीय क्षेत्र में 65.39 और रामपुर संसदीय क्षेत्र में 63.17 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले थे। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि 33 से 37 प्रतिशत के बीच मतदाता घर से ही नहीं निकले। इस स्थिति को बदलने का समय आ गया है।

अधिक से अधिक मतदान प्रतिशत प्राप्त करने के लिए आवश्यक है कि शुक्रवार को घर से बाहर निकलिए, सबसे पहले वोट डालिए, इसके बाद ही दूसरे काम करिए। ध्यान रहे कि आज आपको स्वयं तो मतदान करना ही है, अपने पड़ोसियों का हालचाल भी लेना है कि उन्होंने मतदान किया अथवा नहीं। देखिए, प्रत्याशियों ने बहा लिया अपना पसीना।

कभी इधर सभा की तो कभी संसदीय क्षेत्र में उधर निकाली रैली। किसी भी दल का प्रत्याशी रहा हो अथवा हो निर्दल, सभी ने अपनी नींद को परे झटक दिन-रात एक करते हुए आपके बीच समय गुजारा और अपनी बात रखी। आपने भी उन सभी की बात बहुत ध्यान से सुनी और समझी। अब प्रत्याशियों की भूमिका खत्म हुई, यहां से आपकी भूमिका शुरू होती है।

ऐसे में मौसम, गर्मी, तबीयत, रिश्तेदार आ गए, जैसे कारणों को परे झटककर आज इस चुनाव रूपी महायज्ञ में अपने मतदान की आहुति देने के लिए निकल पड़िए मतदान केंद्र की ओर। ध्यान रहे कि आप किसी भी दल को वोट दें, किसी भी प्रत्याशी को वोट दें लेकिन वोट जरूर दें।

हर जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य है कि वह वोट डालकर देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करे। आइए, मतदान केंद्र पर पूरी प्रशासनिक तैयारियों के बीच ईवीएम आपकी प्रतीक्षा कर रही है। मतदान केंद्र पर स्वागत है आपका।

मैदान में भाजपा, सपा-कांग्रेस गठबंधन, बसपा समेत 12 प्रत्याशी

राजनीतिक घराने से आते हैं सर्वेश सिंह, लड़े कई चुनाव

भाजपा प्रत्याशी सर्वेश सिंह, चुनाव चिह्न कमल का फूल। पिता रामपाल सिंह अमरोहा से सांसद रहे हैं। उनकी ननिहाल से भी सांसद रह चुके हैं। जबकि, चौथी पीढ़ी में सर्वेश सिंह के बेटे सुशांत सिंह बढ़ापुर से दो बार विधायक निर्वाचित हो चुके हैं। सर्वेश सिंह ने 1991 में पहली बार भाजपा की टिकट पर ठाकुरद्वारा विस से चुनाव लड़ा और विधायक चुने गए। इसके बाद 1993, 1996 और 2002 में लगातार चार विधायक चुने गए। सर्वेश सिंह ने 2014 में जीत दर्ज कर मुरादाबाद लोकसभा सीट से पहली बार भाजपा सांसद के तौर पर संसद पहुंचे।

बिजनौर से प्रतिष्ठित परिवार से हैं पूर्व विधायक रुचि वीरा

सपा-कांग्रेस गठबंधन की प्रत्याशी रूचि वीरा, चुनाव चिह्न साइकिल। बिजनौर के प्रतिष्ठित परिवार से हैं। सपा के राष्ट्रीय महासचिव मुहम्मद आजम खां को उनका करीबी माना जाता है। आजम खां की पैरवी पर ही समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने उन्हें मुरादाबाद लोकसभा सीट से टिकट देकर प्रत्याशी बनाया है। मुरादाबाद बिजनौर से विधायक कुंवर भारतेंद्र सिंह के 16वीं लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद रुचि वीरा उपचुनाव में बिजनौर से विधायक निर्वाचित हुई थीं। वर्तमान में वह समाजवादी पार्टी की सदस्य हैं।

इरफान सैफी कारोबार की दुनिया से राजनीति में आए

मुरादाबाद लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे मो. इरफान सैफी, चुनाव चिह्न हाथी। ठाकुरद्वारा के फतुल्ला गंज के रहने वाले हैं। कुमायूं विश्वविद्यालय से उन्होंने वाणिज्य में स्नातक किया है। उनके पिता का शुगर प्लांट का कारोबार था। इरफान सैफी राइस मिल के मालिक हैं। नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष का चुनाव उन्होंने पहली बार निर्दलीय लड़कर जीता है। अब बसपा में शामिल होकर मुरादाबाद लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। टिकट मांगा और मिल गया। वर्ष 2021 में उन्होंने ठाकुरद्वारा विधानसभा से बसपा का टिकट मांगा था।

बेफिक्र निकलें... शाम छह बजे तक बूथ करेंगे इंतजार

कई दिन से चल रही ‘जुबानी जंग’ के बीच मुकाबले का आखिरी रण आज सजेगा। जिस पार्टी और प्रत्याशी के पक्ष में जितनी ‘वोटरसेना’ जुटेगी, वही नतीजों के दिन बनेगा राजनीति का सिकंदर..। खैर, यह तो रही सियासी बात। आम आंखों से देखें तो जनता के लिए लोकसभा चुनाव का यह अवसर लोकतंत्र के भव्य उत्सव, उल्लास का है। एक शब्द में बांधे तो लोकोत्सव से कमतर बिल्कुल नहीं है।

वजह...? पूरी प्रक्रिया में एक बार फिर मतदाता ही तो प्रत्याशियों के भाग्यविधाता बनने को तैयार खड़े हैं। यही कारण है, पूरी प्रशासनिक मशीनरी लोकोत्सव को सफल बनाने के लिए मैदान में है। कोई कसर नहीं छोड़ रही। मतदान केंद्रों को दुल्हन की तरह सजाया गया है, सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। बहन-बेटियों के लिए विशेष पिंक बूथ का इंतजाम है।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं, इसलिए... बेफिक्र होकर घर से निकलें, सुबह सात से शाम छह बजे तक बूथ आपका इंतजार करेंगे। 17 मार्च...। दिन शनिवार। इसी दिन चुनाव आयोग ने लोकसभा इलेक्शन की तिथियों का एलान किया था। देश को सबसे ज्यादा संसद सदस्य देने वाले उत्तर प्रदेश में यह प्रक्रिया सात चरण में पूरी होनी है। इस कड़ी में मुरादाबाद का नंबर पहले चरण में ही आ गया।

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